पटना: बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार 2005 से काबिज हैं. अपने कार्यकाल में सीएम नीतीश कुमार प्रदेश भर में1 दर्जन से अधिक की यात्राएं कर चुके हैं. वहीं, नीतीश ने एक बार फिर प्रदेश की यात्रा पर निकले हैं. लेकिन इस बार उनकी इस यात्रा का न तो प्रचार किया गया है और न ही कोई नाम दिया गया है. वहीं, दूसरी तरफ इस यात्रा की कोई चर्चा भी नहीं की जा रही है. सीएम खुद अपनी यात्रा के बारे में बताने से बच रहे हैं.
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने बिहार में यात्रा करने का एक रिकॉर्ड बनाया है .अलग-अलग नामों से मुख्यमंत्री यात्रा करते रहे हैं. नीतीश कुमार ने अब तक न्याय यात्रा, विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विश्वास यात्रा , सेवा यात्रा , अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा, निश्चय यात्रा, समीक्षा यात्रा के नाम से यात्राएं की हैं. उन्होंने हर बार चंपारण से ही इसकी शुरुआत की. मुख्यमंत्री इस बार भी चंपारण से ही यात्रा की शुरुआत की है लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा का कोई नाम नहीं दिया है.
क्या बोले जदयू और आरजेडी प्रवक्ता सीएम लाए हैं बदलाव- जदयू
पहले चरण सीएम नीतीश ने 4 जिलों में अपनी यात्रा करेंगे. लेकिन यात्रा का नाम नहीं दिए जाने और बिना तामझाम के यात्रा करने पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. इस बाबत जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि इन यात्राओं का फलाफल है कि मुख्यमंत्री ने बिहार में क्रांतिकारी और युगांतर बदलाव लाए हैं.
आरजेडी ने साधा निशाना
सीएम की यात्रा पर आरजेडी ने निशाना साधा है. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि जनता की गाढ़ी कमाई पर नीतीश कुमार चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं लेकिन उन्हें जनता को बिहार में हो रहे घोटाले और आपराधिक घटनाओं के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए, वैसे भी जनता सब जानती है. वहीं, इस यात्रा पर नाम न दिए जाने को लेकर जदयू प्रवक्ता ने कोई अरविंद निषाद जवाब नहीं दिया.
अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. बिहार विधानसभा के चुनाव में 9-10 महीनें ही रह गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री की ये यात्रा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रही है. लोगों के विरोध के डर से मुख्यमंत्री अपनी यात्रा के प्रचार और तामझाम से बच रहे हैं.