पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Campaign) के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) ने कहा कि हम लोगों को जब से बिहार में काम करने का मौका मिला है, राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं.
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17 फीसदी हरित आवरण लक्ष्य
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि वृक्षारोपणके साथ-साथ जल संरक्षण (Water Conservation) को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं. राज्य बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था.
वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया. जिसमें लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए गए. अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है. हमलोगों ने इसे 17 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्यरखा है. उसके लिए तेजी से वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है.
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2 करोड़ 51 लाख पेड़-पौधा लगाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधा लगाने का लक्ष्यरखा गया था. लेकिन उससे अधिक 3 करोड़ 94 लाख वृक्षारोपणकिया गया. 5 जून 2021 को 5 करोड़पौधालगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गई है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वृक्षारोपणके बाद रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दें.
जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा की मुख्य बातें…
- जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है, बिहार का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक
- बंटवारे के बाद मात्र हरित आवरण 09 प्रतिशत ही रह गया था, इसे 17 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य है
- राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं.
- 2012 में हरियाली मिशन अभियान की शुरूआत हुई, अब तक 22 करोड पेड़ लगाए गए.
- जलवायु के अनुकूल कृषि, जैविक खेती करने के लिये किसानों को प्रेरित करें.
- फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरूक करें. उन्हें बताएं कि फसल अवशेष को नहीं जलाएं.
- सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे, जीर्णोद्धार कराए गए कुओं एवं चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण जरूर कराएं.
- अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए काम करें.
- सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन और ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें.
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार-प्रसार करें, जलवायु संरक्षण के प्रति सभी को निरंतर जागरूक करना है.
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का आकलन और समीक्षा करें और इसे तेजी से पूर्ण करें.
सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी
मुख्यमंत्री (Nitish Kumar) ने कहा कि 19 जनवरी 2020 को पर्यावरण संरक्षणको लेकर 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई. पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ वर्ष 2019 में बैठक की गई. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Campaign) को मिशन मोड में चलाया जाए. जल-जीवन-हरियाली का मतलब है, जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है. चाहे वह जीवन मनुष्य, पशु-पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो.
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24 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Campaign) पर 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है, यह बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बड़ी बात है. बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है. उन्होंने कहा कि बिल गेट्स जब पटना आए थे, उस समय उनसे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी.
यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी. युनाईटेड नेशन में भी बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Campaign) की सराहना हुई थी.