बिहार में सीट शेयरिंग पर कांग्रेस की डिमांड से फंसा पेंच पटना: बिहार में लोकसभा चुनावको लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है. इंडिया गठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा शुरू है. ऐसे तो दिसंबर तक पहले डेट लाइन दिया गया था, लेकिन जदयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी तक सीट शेयरिंग कर लेने का सुझाव दिया. कांग्रेस की तरफ से सभी राज्यों से एक लिस्ट तैयार की गई है. उस रिपोर्ट के आधार पर मंथन शुरू है.
कांग्रेस ने ठोकी 12 सीटों पर दावेदारी : बिहार में लोकसभा की 40 सीट है, जिसमें से कांग्रेस ने 12 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकी है. जिन सीटों पर कांग्रेस की तरफ से दावेदारी की जा रही है, उसमें किशनगंज की सीटिंग सीट के साथ अररिया, कटिहार, पूर्णिया, चंपारण की एक सीट, सासाराम, बक्सर, भागलपुर, औरंगाबाद, नवादा जैसी सीटें हैं.
''12 सीटों को हम लोगों ने चिन्हित किया है. कांग्रेस उदार है लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल दो सीट पर चुनाव लड़े और सीटिंग सीट यदि सहयोगी दल जीत नहीं सकेंगे तो स्वाभाविक है उस पर भी दावेदारी होगी. क्योंकि मुख्य मकसद चुनाव जीतना है.'' - समीर कुमार सिंह, एमएल सी एवं वरिष्ठ नेता कांग्रेस
सीटिंग सीट पर जेडीयू जता रही दावा : वहीं, जदयू के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री संजय झा का साफ कहना है कि जो सीटिंग सीट है, उसपर क्या दावेदारी, वह तो सीटिंग है ही. बिहार में लोकसभा की 16 सीटों पर 2019 में जदयू को जीत मिली थी और इसलिए जदयू के तरफ से इन सभी सीटों पर दावेदारी हो रही है. ऐसे जदयू ने एनडीए में रहते 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल किशनगंज की सीट कांग्रेस से हारी थी.
फिर आरजेडी के हिस्से में क्या आएगा? : वहीं, राजद की तरफ से कहा जा रहा है कि सब कुछ हो जाएगा. लेकिन राजद सूत्रों से जो जानकारी मिली है, लालू प्रसाद यादव विधानसभा में अधिक विधायकों का फार्मूला दे रहे हैं. उसके हिसाब से आरजेडी को अधिक सीट देने की मांग कर रहे हैं. ऐसे पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि सब कुछ मिल बैठकर शीर्ष नेता तय कर लेंगे. कहीं कोई परेशानी इंडिया गठबंधन में नहीं होगी.
ये है बिहार में दलों की स्थिति : इस तरह से देखें तो बिहार में जहां राजद के पास एक भी सांसद नहीं है, तो वहीं कांग्रेस के पास केवल एक सांसद है. जदयू के पास 16 सांसद. वहीं लेफ्ट पार्टियों के पास भी कोई सांसद नहीं हैं. लेकिन विधानसभा में विधायकों की बात करें तो आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. उसके पास 79 विधायक हैं. दूसरे नंबर पर जदयू और तीसरे नंबर पर कांग्रेस जबकि चौथे नंबर लेफ्ट पार्टियां हैं.
''कांग्रेस बिहार में 40 में से 12 सीटों को चिन्हित किया गया है और लिस्ट आला कमान को सौंप दी गई है. अब आला कमान के प्रतिनिधि सहयोगी दलों के नेताओं से बात करेंगे. राहुल गांधी ने हम लोगों से साफ कहा है कि बिहार में कांग्रेस नहीं इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा. तो सभी सीटों को जीतने की कोशिश होगी. कांग्रेस उदार है लेकिन उदार होने का मतलब यह नहीं है कि केवल दो सीट पर चुनाव लड़े. राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा कि पीएम बनना चाहते हैं उनका मकसद बीजेपी को हराना है.''- बिहार कांग्रेस की मांग
''जनवरी तक इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग हो जाए उसके बाद संयुक्त रूप से मीटिंग हो. जदयू की 16 सीटिंग सीट है उस पर उसकी दावेदारी बनती है. कांग्रेस अपनी दावेदारी को लेकर राजद से पहले बात करे और राजद से जदयू की बातचीत होगी. फिर तय होगा.''- जेडीयू का दावा
''विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है. विधायकों की संख्या के हिसाब से आरजेडी को टिकट मिलना चाहिए. इंडिया गठबंधन के नेता मिल बैठकर तय कर लेंगे विवाद नहीं होगा.''-आरजेडी का दावा
सीट शेयरिंग को लेकर संग्राम तय! : जदयू नेताओं का साफ कहना है कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं उस पर हम कुछ नहीं बोल सकते हैं. कांग्रेस पहले आरजेडी से बात करेगी और फिर आरजेडी का जदयू के साथ सीट पर चर्चा होगी. अभी एक दिन पहले तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले हैं. चर्चा है कि सीट शेयरिंग पर ही दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है. लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस के तरफ से एक दर्जन सीट की मांग हुई है, जदयू अपना 16 सीटिंग सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है.
दावेदारी पर खींचतान : इधर राजद भी विधायकों के हिसाब से सीट पर दावेदारी कर रही है. वामपंथी दल भी अधिक सीट की मांग कर रहे हैं. ऐसे में बिहार में सीट का बंटवारा जल्दी होगा, इसकी उम्मीद नहीं है. फिलहाल सभी दल दूसरे को उदार बनने की नसीहत देने में लगे हैं. देखना है कि जनवरी तक सीट शेयरिंग का बंटवारा हो पाता है या फिर खींचतान यूं ही जारी रहती है.
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