पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हमलावर हो गए हैं. यह हमला तब और बढ़ गया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद में महिला-पुरुष के संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को अब इलाज की जरूरत हो गई है.
'मानसिक तौर पर मुख्यमंत्री बीमार' : चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद कहा कि नीतीश कुमार गंभीर नेता थे. लेकिन गंभीर नेता के बयान अश्लील शब्दों में दिखे यह कहीं से भी स्वीकार नहीं है. मैंने कभी उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है. पर आज मुझे लगता है कि उनको लेकर जो अफवाहें हैं वह सही है.
''मानसिक तौर पर कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री बीमार हैं और उसका यही उदाहरण है. यह एक उदाहरण नहीं है, इससे पहले भी कई ऐसी बातें हुई हैं जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता है. मैं यह बातें कोई व्यंग में या ताने में नहीं कह रहा हूं, मेरी चिंता मेरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए है. मेरे पिता की उम्र के हैं. ऐसे में यदि उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है, उसे ठीक करने की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए.''- चिराग पासवान, प्रमुख, एलजेपीआर
'सेक्स एजुकेशन के नाम पर समर्थन गलत' : जब चिराग पासवान से पूछा गया कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार का समर्थन किया तो चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने गलत समर्थन किया है. सेक्स एजुकेशन आप स्कूल कॉलेज में जाकर कीजिए. लेकिन विधानसभा में इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना पूरी तरह से गलत है.
'परिवार के साथ बयान को नहीं सुन सकता' :शब्दों के इस्तेमाल को जिस भाषा का उन्होंने (नीतीश कुमार) इस्तेमाल किया है, अपने परिवार के साथ बैठकर नहीं सुना जा सकता हैं. मैं अपनी मां के साथ उनके बयान को बैठकर नहीं सुन सकता. राजनीतिक परिवार से आता हूं, चर्चाएं होती हैं लेकिन, ऐसी बात थी कि मैं अपने घर परिवार में इसकी चर्चा तक नहीं कर सका. सेक्स एजुकेशन की आड़ में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो बहुत शब्दावली हैं जिसका इस्तेमाल करेंगे. जिसका कहीं से भी इस्तेमाल उचित नहीं है.
'आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सवालों के घेरे में' :वहीं, चिराग पासवान ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए हैं. लेकिन, आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की वकालत करते हुए यह जरूर शक जाहिर किया है कि कहीं यह आरक्षण का दायरा कानूनी पचड़े में ना फंस जाए.
आरक्षण का दायरा बढ़ना चाहिए- चिराग : आरक्षण के दायरे बढ़ाने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि हम लोग स्वागत करते हैं, इस आरक्षण के दायरे को बढ़ाना चाहिए. लेकिन, सरकार को इतना मजबूत रहना चाहिए कि कल को जाकर यह प्रस्ताव किसी तरीके के लीगल टेक्निकल में ना उलझे. हम लोगों ने देखा है कि कई राज्य सरकारों ने इस प्रस्ताव को अपने यहां से पास तो किया है लेकिन, सुप्रीम कोर्ट जाते-जाते यह मामला टेक्निकल इश्यू में रुक जाता है. यदि राज्य सरकार टेक्निकल साउंड होकर इसमें आगे बढ़ती है तो बेहतर है.