पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 22वीं बैठक सम्पन्न हुई. मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई. चर्चा के दौरान सीएम ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक की हुई कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है. बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम भी मौजूद थे.
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मुख्यमंत्री राहत कोष के बेहतर कार्यान्वयन पर जोर:मुख्यमंत्री राहत कोष की लेखा में प्राप्त राशि, वितरित राशि एवं शेष जमा राशि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. उन्होंने बताया कि 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए अब तक 64 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत की जा चुकी है. 58 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है.
बैठक में सीएम ने क्या कहा?: इस बैठक में सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है. इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है. इससे लोगों की काफी सहायता होती है. कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रूपये की राशि की मदद दी गयी. मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है.
"बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को बर्तन, वस्त्र आदि के मद में 600 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद दी जाती है, इसे अब बढ़ाकर 1000 रूपये कर दें. बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में लड़की के जन्म लेने पर 15 हजार रुपये और लड़के के जन्म लेने पर 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है. शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करें"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार