पटनाःबिहार मेंसाइबर फ्रॉडकी (Cyber Fraud In Bihar) घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. आम इंसान तो छोड़िये इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीकों को इजाद कर खास लोगों को टारगेट कर रहे हैं. हाल ही में साइबर फ्रॉड के द्वारा बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को टारगेट कर उनके खाते से 90000 की निकासी की गई थी. वहीं, नया मामला सामने आया है कि बिहार पुलिस के मुखिया यानी कि डीजीपी एसके सिंघल (DGP SK Singhal) की प्रोफाइल को बनाकर पुलिस अफसरों से ठगी की कोशिश की गई है.
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डीजीपी के नाम पर फेक अकाउंटःदरअसल व्हाट्सएप पर डीजीपी के नाम का एक फेक अकाउंट बनाया गया. गलत तरीके से उनके नाम का इस्तेमाल किया गया डीपी में उनकी फोटो भी लगाई गई. फिर इस अकाउंट के जरिए कई पुलिस अफसरों को मैसेज भी किया गया. दरअसल यह मामला सितंबर महीने का है, लेकिन इस मामले का खुलासा अभी हुआ है.
आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज किया मामलाः आर्थिक अपराध इकाई की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत आईटी एक्ट की धारा 66C और 66D का इस्तेमाल करते हुए एफआईआर नंबर 32/2022 दर्ज किया है. सबूत के तौर पर इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई के पास उस मोबाइल नंबर का स्क्रीनशॉट है जिस पर डीजीपी के नाम से चेक अकाउंट व्हाट्सएप पर बनाया गया है. सूत्रों के अनुसार दर्ज एफआईआर में 26 सितंबर को आर्थिक अपराध इकाई में पोस्ट सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार को सूचना मिली कि संघ डीजीपी संजीव कुमार सिंघल के नाम और फोटो का दुरुपयोग हो रहा है. मोबाइल नंबर 9625784766 से पुलिस पदाधिकारियों के साथ ठगी का प्रयास किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है.
बेखौफ शातिरों का नहीं चल सका पताःठगी के प्रयास के बाद पूरे मामले की जांच कराई गई और जांच सही पाए जाने के बाद सत्येंद्र कुमार इंस्पेक्टर के बयान पर आर्थिक अपराध इकाई में 26 सितंबर को एफआईआर दर्ज हुआ. जिसकी जिम्मेवारी इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस ऑफिसर को सौंपी गई हालांकि जिस नंबर को एफआईआर में दर्ज हुआ है उसका यूजर कौन है यह कौन शख्स इस्तेमाल कर रहा था आखिर यह बेखौफ शातिर कौन है जिसने पुलिस अफसरों को ठगने के लिए डीजीपी पर फर्जी डीपी बना कर पुलिस अफसरों के ठगने की कोशिश की जा रही थी इन बातों का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है.
अधिकारियों को लूटने की कोशिशः दरअसल ये मामला तब का है, जब आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और डीजीपी को लेकर ठगी का मामला चल रहा था. उसी बीच डीजीपी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर अधिकारियों को लूटने की कोशिश की जा रही थी. हालांकि अपराधियों ने किन-किन अधिकारी को अपना निशाना बनाया और कितनी रकम की लूट की है इसका खुलासा भी अब तक नहीं हो पाया है.