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BPSC Paper Leak Case: 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) के प्रश्नपत्र लीक मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इस मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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Published : Aug 6, 2022, 10:19 AM IST

पटनाःबीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले (BPSC paper leak case) के बाद से ही बिहार लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है, इस मामले के बाद आयोग की जमकर फजीहत हुई थी और इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के सौंपी गई थी. आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी ने इस मामले की जांच के बाद अब 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इसमें आरा के वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य, सहायक केंद्र अधीक्षक और प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित अन्य आरोपी शामिल हैं. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने यह कार्रवाई की है. इन लोगों के खिलाफ कई धाराओं में चार्जशीट दायर की गई है.

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प्रश्न पत्र लीक मामले में वीकेएसयू का नाम : दरअसल बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्न पत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे. सबसे पहले इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने भोजपुर के आरा से कांड में संलिप्त चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अभियुक्तों से जब इस संबंध में पूछताछ की गई तो यह जानकारी मिली कि पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर इलाके के काशीनाथ लेन के एक किराए के मकान को कंट्रोल रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यहीं से सेटर पेपर लीक की सारी गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे.

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बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार :गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली जानकारी के बाद टीम ने राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यहीं से पेपर लीक की सारी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. उसके बाद इस मामले में कई लोगों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया. मामले में गहन जांच के बाद एसआईटी ने 9 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज कराया. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है. मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र पर हुई थी परीक्षा : पेपर लीक का ये मामला उस समय हुआ था, जब बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जा रही थी. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे. लेकिन अचानक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये खबर आने लगी कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. दरअसल टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल हो चुके था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गए. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा. इस पूरे मामले के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसे लेकर पूरे देश में बिहार सरकार की फजीहत होने लगी. पूरे मामले पर सख्ती से निपटने का आदेश जारी किया गया.

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