बिहार

bihar

ETV Bharat / state

यहां घर-घर में बनाया जाता है चना चूर गरम, लॉकडाउन में परेशानी के बाद फिर पटरी पर लौटी जिंदगी - Chana chur

मसौढी अनुमंडल स्थित कुशवन गांव में 2 हजार से अधिक लोग चना चूर के कोरोबार से जुड़े हैं. सरकारी मदद मिले. तो इस कारोबार को और व्यापक रूप दिया जा सकता है.

Chana chur
Chana chur

By

Published : Sep 2, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 2:27 PM IST

पटना:राजधानी पटना से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर मसौढी अनुमंडल स्थित एक कुशवन गांव है, जहां हर घर में चना चूर गरम बनाया जाता है. इस पूरे गांव की 2 हजार से अधिक की आबादी चना चूर बनाने के कारोबार से जुडे हैं. गांव से बनने वाले चना चूर बिहार के कोने-कोने तक भेजे जाते है. यह कारोबार 40 बर्षों से ऐसे ही चला आ रहा है.

चना चूर गरम

लॉकडाउन के घोषणा के बाद एक लंबे समय तक सभी लोगों का रोजगार छीन सा गया था. सभी मजदूर किसी तरह से दो वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहे थे. लेकिन अनलॉक-4 के बाद एक बार फिर से इस कारोबार से जुड कर हर हाथ को काम मिल गया है और सभी ग्रामीण आत्मनिर्भर बन कर खुद का कारोबार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

ग्रामीणों की मानें तो जिस तरह पापड़, अचार जैसे कारोबार को कुटीर उद्योग का दर्जा दिया गया है. उसी तरह चना चूर कारोबार को भी कुटीर उधोग का दर्जा दिया जाए और सरकारी मदद मिले तो इस कारोबार को और व्यापक रूप दिया जा सकता है.

चना चूर बनाती महिला

गीत-संगीत गाकर बेचते हैं चना चूर
तकरीबन दो हजार की आबादी का यह गांव जहां हर घर मे चना चूर बनाए जाते है. चना चूर गरम, जो अक्सर ट्रेनों और बसों मे सफर के दौरान गीत-संगीत गाकर बेचते नजर आते थे. वो सभी इसी गांव के निवासी है. ऐसे कारोबार से जुडे लोगों सरकारी मदद की जरुरत है. ताकि यहां के लोग आत्मनिर्भर बन सके.

Last Updated : Sep 19, 2020, 2:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details