पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के बैनर तले 9 अगस्त को देश भर के व्यापारी संगठन चीन के खिलाफ एक नया आंदोलन ‘चीन भारत छोड़ो’ का आगाज किया गया था. वहीं अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के 10 हजार लोगों पर जासूसी निगाह रखने के ममले में कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा समेत कई लोगों ने केंद्र सरकार से कड़े शब्दों में मांग की है. उन्होंने कहा हैकि चीन की विभिन्न कंपनियों ने भारत की जिन भी कंपनियों में निवेश किया है, उन सब की जांच कराई जाए.
पटना : CAIT ने की केंद्र सरकार से 244 चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने की मांग - केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा समेत देश ने केंद्र सरकार से 244 चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने की मांग की है. इसके साथ ही कैट ने कहा है कि चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित देश भर में 10 हजार प्रमुख लोगों की जासूसी करता है. इसके पीछे चीन की बहुत बड़ी साजिश हो सकती है.
अन्य चीनी ऐप बंद करने की मांग
कैट ने कहा है कि 244 चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने के बाद अभी अन्य अनेक चीनी ऐप भारत में चल रही हैं, उन पर भी तुरंत प्रतिबन्ध लगाया जाए. इसके साथ ही चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई कॉरपोरेशन की तकनीक को भारत के 5 नेटवर्क में लागू करने में प्रतिबंधित करने की भी घोषणा की जाए. कैट ने कड़े शब्दों में मांग की है कि कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में जहां भी चीनी मशीनरी का उपयोग हो रहा है, उनकी जांच की जाए.
10 हजार लोगों की जासूसी
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल और केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा है कि चीनी कंपनी झिन्हुआ ने भारत में जासूसी करने के आरोप को गंभीरता से लिया जाना जरूरी है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित देश भर में 10 हजार प्रमुख लोगों की जासूसी करना कोई मजाक नहीं है. निश्चित रूप से इसकी पीछे चीन की सोची समझी साजिश है, जिसको कतई हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
सूचना पाने के लिए जासूसी
कैट बिहार महिला उपाध्यक्ष इन्दु अग्रवाल और अमृता सिंह ने कहा कि सब जानता है कि चीन विश्व के अनेक देशों में विभिन्न तरीकों के साथ जासूसी करता है. यह दूर-दराज, संवेदनशील खुफिया सूचनाओं तक पहुंच हासिल करने के लिए साइबर जासूसी समेत कई तरह के हथकंडे अपनाता है. चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सूचना एकत्र करने के उद्देश्य से वित्तीय और औद्योगिक जासूसी में भी लगा हुआ है. इसके साथ ही विदेशों में असंतोष की निगरानी भी करता है. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, फ्रांस सहित विभिन्न देशों में चीनी घुसपैठ के संदेह वाले कंप्यूटर घुसपैठ के कई मामले पाए गए हैं.