पटना:सीएजी के प्रतिवेदन में कई तरह की अनियमितता पायी गयी हैं. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा सहित कई अन्य जगहों से गड़बड़ी की रिपोर्ट सामने आई है. सीएजी द्वारा 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए दिए गए प्रतिवेदन में इन गड़बड़ियों को पाया गया है.
सीएम के गृह जिला नालंदा में कई जगह कार्य हुए बिना ही राशि की निकासी कर ली गयी, जहां ट्यूबवेल लगाना था, वहां ट्यूबवेल नहीं मिला. यही नहीं कई जगह कामों को अधर में लटकाकर पूरी राशि निकाल ली गयी. वहीं, मोकामा नगर पालिका मास्टर रोल में भी सीएजी ने अनियमितता पायी गयी है.
सीएजी की रिपोर्ट में कई खुलासे
सीएजी ने 2015 से 2018 के दौरान 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अंतर्गत क्रियान्वित किए गए, 229 कार्यों का स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त भौतिक सत्यापन किया. जिसमें कई तरह की अनियमितता सामने आई है. सीएम के गृह जिले नालंदा में भी कई योजनाओं की राशि निकाली गयी, जबकि इन योजानाओं के काम अब भी अधूरे हैं.
कई जगह जाली हस्ताक्षर की बात आयी सामने
14वें वित्त आयोग के अनुसार नालंदा के धुरगांव में सीएजी की टीम ने जब भौतिक सत्यापन किया तो 2.73 लाख की राशि की ईट सोलिंग का कार्य करना था. जिसके लिए प्राक्कलन तैयार किया गया था, लेकिन कार्य नहीं किया गया है. वहीं, सीएजी को भौतिक सत्यापन के दौरान अन्य स्थल के कार्य का निरीक्षण कराया गया, जिसमें अधिकारियों को यह बताया गया कि कार्य स्थल के नाम लिखने में गलती हुई थी, लेकिन उसमें भी 2.55 लाख रुपये के कार्य का जिक्र किया गया. वहीं, इस कार्य में जाली हस्ताक्षर की बात भी सामने आई है.
कागज पर योजना पूरी
इसी तरह नालंदा जिले के अजयपुर गांव में ट्यूबवेल योजना की करीब 0.62 लाख रुपये राशि गटक ली गई. जब सीएजी के अधिकारियों ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया तो वहां उन्हें एक भी सराकरी मद से गांव में लगा हुआ ट्यूबवेल नहीं दिखा. वहीं, जिले के धुरगांव में भी सड़क निर्माण कार्य में खुल कर भ्रष्टाचार की गयी. धुरगांव में 900 वर्ग फुट में ईट सोलिंग का काम करना था लेकिन महज 240 वर्ग फुट में ईंट सोलिंग का काम किया गया और पूरे 0.44 लाख रुपये का भुगतान इस योजना में हुआ. वहीं, इसी गांव में ईट सोलिंग का कार्य दूसरे स्थान पर 900 वर्ग फुट में करना था लेकिन वहां केवल 175 वर्ग फुट में किया गया और उसके लिए 0.48 लाख का भुगतान कर दिया गया.
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व्यक्ति विशेष को पहुंचाया फायदा
नालंदा जिले के इस्लामपुर में 5.16 लाख की योजना से वार्ड संख्या 2 में 50 घरों में जलापूर्ति के लिए लघु समर्सिबल टैंक लगाना था लेकिन किसी व्यक्ति विशेष को इस योजना का लाभ दिया गया, समर्सिबल को सामुदायिक स्थान पर लगाने के बजाए निजी व्यक्ति के जमीन पर लगाया गया. इसी तरह एकंगरसराय के वार्ड संख्या चार में 19 कार्यों में से केवल एक कार्य जल मीनार का निर्माण किया गया और उसमें भी भी काफी गड़बड़ी मिली.
समस्तीपुर से भी आयी गड़बड़ी की रिपोर्ट
वहीं, समस्तीपुर जिले में भी कई तरह की गड़बड़ी सीएजी को मिली है. समस्तीपुर के गंगसारा गांव के वार्ड संख्या 9 और श्रीपुर गाहर पश्चिम के वार्ड संख्या पांच में 24.60 लाख रुपये की योजना आधी-अधूरी पायी गयी. यही हाल गया के करमावां गांव में देखने को मिली. सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार 0.77 करोड़ रुपये के व्यय से 25 योजनाओं को कार्यान्वित किया गया लेकिन कई में अनियमितता मिली. गांव में बिना नाले के ही पीसीसी सड़क का निर्माण कर दिया गया.
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मोकामा नगर पालिका में घोटाले की बात उजागर
यही हाल नगर पालिका मोकामा में मास्टर रोल के तहत मजदूरी भुगतान में भी गड़बड़ी देखने को मिली. सीएजी की ओर से जब इस मामले में जानकारी ली गई तो संबंधित विभाग ने जवाब दिया कि स्थानीय इकाइयों से संबंधित है, इसलिए इन मामलों को संबंधित इकाइयों के साथ उठाया जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.