पटनाः आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने पत्र लिखकर आरजेडी कार्यालय (RJD Office) के लिए सरकार से और जमीन देने की मांग की है. पार्टी कार्यालय के लिए जमीन मांगने का मामला अब तूल पकड़ रहा है. भवन निर्माण विभाग पहले ही आरजेडी की इस मांग को खारिज कर चुका है. जगदानंद सिंह ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखकर न्यायोचित फैसला लेने की बात कही है. इस पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Building Construction Minister Ashok Chaudhary) ने साफ-साफ कह दिया है कि जमीन देना संभव नहीं है.
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'जमीन देना संभव नहीं है. जगदानंद सिंह ने जिस आधार पर जमीन की मांग की है, वह न्यायोचित नहीं है. 2005 से पहले सरकार की ओर से पार्टी कार्यालय देने की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन 2005 के बाद कानून बनाकर बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी को पार्टी कार्यालय देने का फैसला लिया गया. उस समय जदयू सबसे बड़ी पार्टी थी. 88 विधायक थे. बीजेपी 55 और आरजेडी के 54 विधायक थे. उस समय तो जदयू ने अधिक जमीन नहीं लिया था. इसलिए यह मांग सही नहीं है. ऐसे भी जिस जमीन की बात आरजेडी की तरफ से हो रही है, वह हाईकोर्ट पूल की है और उस पर पहले से डिसीजन हो चुका है.'-अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि केवल विधायकों की संख्या के आधार पर यदि जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय के लिए जमीन मांग रहे हैं, तो यह सही नहीं है. जिस जमीन की बात जगदानंद सिंह ने पत्र लिखकर की है, वह हाईकोर्ट पूल की है. इनके पत्र आने से पहले ही उस पर काम चल रहा है. उसे तोड़कर नया भवन बनाने के लिए प्राक्कलन बनाया जा रहा है. इसलिए उसमें हम लोग कुछ कर ही नहीं सकते हैं.
अशोक चौधरी ने कहा, इस मामले में हमारे नेता ज्यादा उदार हैं. 2005 से पहले बिहार में राजनीतिक दलों को कार्यालय देने का कोई प्रावधान नहीं था. सरकार ने कानून बनाकर इस संबंध में फैसला लिया और उसी के हिसाब से उस समय के प्रमुख तीन दल आरजेडी, बीजेपी और जदयू को कार्यालय मिला. विधायकों की संख्या को लेकर उदाहरण भी दिया कि उस समय सबसे बड़ी पार्टी जदयू थी. 88 विधायक थे लेकिन जदयू ने बड़ा कार्यालय नहीं लिया था. इसलिए इस आधार पर पार्टी के लिए बड़े कार्यालय की मांग सही नहीं है.