पटना: जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के बहाने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के खिलाफ अघोषित मोर्चा खोलने वाले तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को न तो पार्टी का साथ मिल रहा है और न ही परिवार का. लेकिन भारतीय जनता पार्टी तेज के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है.
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तेज प्रताप ने बगावत का रुख कर लिया है. कहा जा रहा है कि पार्टी और परिवार के बीच ऐसे ही घमासान जारी रहा, तो इसका फायदा सत्ता पक्ष को मिल सकता है. संकेत भी ऐसे ही मिल रहे हैं. आरजेडी की खिलाफत करने वाली बीजेपी अब तेज प्रताप के पक्ष में बयान दे रही है. जाहिर है मौके पर चौका मारने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि लालू इन तमाम उलझनों को कितनी जल्दी सुलझा पाते हैं.
समय आ गया है तेज प्रताप यादव को राजनीतिक हक की लड़ाई के लिए आगे आना चाहिए. जब तक तेज प्रताप संघर्ष नहीं करेंगे तब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. तेज प्रताप यादव को अलग पार्टी बना कर लंबी लकीर खींचनी चाहिए.- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री, बिहार
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पार्टी में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. तेज प्रताप राजद में अप्रासंगिक होते जा रहे हैं. तेजस्वी यादव के खिलाफ तेज प्रताप ने मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेता तेज प्रताप यादव के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं. पार्टी नेता लगातार यह कह रहे हैं कि तेज प्रताप के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें लंबी लकीर खींचनी चाहिए.
तेज प्रताप यादव को अपना तेज दिखाना चाहिए. तेज प्रताप पहले अलग राजनीतिक राह अख्तियार करें फिर भाजपा विचार करेगी. समय आ गया है कि तेज प्रताप यादव नई राजनीति को दिशा दें.-नीरज बबलू, वन पर्यावरण मंत्री, बिहार
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा राजद के युवा प्रदेश अध्यक्ष को हटाए जाने के मामले को लेकर तेजप्रताप यादव नाराज हो गए हैं. तेजप्रताप यादव ने सीधे तौर पर जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह तेजस्वी यादव और मेरे बीच लड़ाई लगवा रहे हैं. भाई-भाई के बीच जगदानंद सिंह झगड़ा लगाने का काम कर रहे हैं. इस काम का इनाम उन्हें भगवान देंगे.
आपको बताएं कि पटना में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा था, 'जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. वह कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं, जबकि कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसकी कुर्सी चली जाए कोई ठिकाना नहीं होता है.'
माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस बयान के बाद से जगदानंद सिंह काफी नाराज हुए. उसी दिन से उन्होंने पार्टी कार्यालय भी आना बंद कर दिया था. यहां तक कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी झंडा फहराने के लिए पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झंडोत्तोलन किया था, जबकि पार्टी की स्थापना के बाद से प्रदेश अध्यक्ष ही झंडा फहराते रहे हैं. हालांकि 11 दिन बाद बुधवार को राबड़ी आवास में तेजस्वी से मुलाकात के बाद वह पार्टी दफ्तर पहुंचे थे.
दरअसल बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ही है और इसलिए सत्तापक्ष को खटकता भी रहता है. लालू परिवार में जिस प्रकार से विवाद बढ़ रहा है. कहीं ना कहीं सत्तापक्ष को लगता है कि उसका लाभ उसे मिलेगा, यदि राजद में कोई बड़ा उलटफेर होता है तब. यही वजह है कि सत्ता पक्ष के नेता लगातार कटाक्ष कर रहे हैं चुटकी ले रहे हैं. वैसे लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी पहले भी परिवारिक विवाद को सलटाने में कामयाब रहे हैं. पार्टी नेताओं को और राजनीतिक विशेषज्ञों को भी यह लगता है कि इस बार भी विवाद सलट जाएगा.
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