विधानसभा परिसर में बीजेपी का प्रदर्शन पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद जहरीली शराब से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. छपरा में 73 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. बीजेपी सरकार की नीतियों को लेकर हमलावर है. सरकार की नीतियों से नाराज होकर बीजेपी नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को बीजेपी से विधान परिषद और विधानसभा के सभी सदस्यों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया.
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विधानसभा परिसर में बीजेपी का प्रदर्शन: जहरीली शराब पीकर हो रही लोगों की मौत को लेकर बीजेपी आक्रमक है और सरकार से जवाब मांग रही है. निष्पक्ष जांच और मुआवजे की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं ने विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. पार्टी नेताओं की मांग है कि सरकार जब तक उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करेगी, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.
"जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही है और आंकड़ा 100 के पार जा चुका है. हम चाहते हैं कि मृतक के परिजनों को सरकार मुआवजा दे. पहले भी गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत के बाद मुआवजा दिया गया था. अभी सरकार मुआवजा देने से परहेज क्यों कर रही है."- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि "सरकार शराबबंदी के मोर्चे पर पूरी तरह विफल है. शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और लोग जहरीली शराब पीकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. पहले भी सरकार जहरीली शराब से मौत के मामले में मुआवजा दे चुकी है और छपरा में भी सरकार को मुआवजा देना चाहिए."- मंगल पांडे, पूर्व मंत्री, बिहार सरकार
"जहरीली शराब से मौत के मामले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोषी हैं. बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल साबित हुई है. मेरी मांग है कि पीड़ितों को सरकार तत्काल मुआवजा दे और जहरीली शराब से मौत के मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराई जाए."- सम्राट चौधरी, नेता विरोधी दल, बिहार विधान परिषद