पटना: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जोरदार बहस जारी है. बीजेपी की ओर से बोलते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर उन्होंने जोरदार हमला बोला. उस दौरान उन्होंने पुराने सहयोगी जेडीयू को भी नहीं छोड़ा. बीजेपी सांसद ने जेडीयू सांसदों कोमुख्यमंत्री नीतीश कुमारकिए अपने अहसान को भी याद दिला दिया. साथ ही कहा कि जेडीयू के सांसद अपने सीएम से जाकर इस बारे में पूछ लें, मैं ये बात गंभीरता के साथ कह रहा हूं.
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निशिकांत ने फंडिंग दिलाने का किया जिक्र:गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि जनता दल यूनाइटेड के सांसद आज यहां मेरा विरोध कर रहे हैं. मैं उनको याद दिलाना चाहता हूं कि जेडीयू को सबसे अधिक फंड मेरी वजह से मिला. उन्होंने कहा मैं ऑन द फ्लोर ऑफ द हाउस ये बात कह रहा हूं. जेडीयू के सांसद चाहें तो जाकर अपने मुख्यमंत्री से पूछ लें.
"मैं खुलासा भी कर देना चाहता हूं. जेडीयू को यदि सबसे अधिक फंड करवाया होगा तो दो-चार-पांच लोग होंगे तो उसमें एक नाम मेरा होगा. उसके बाद भी मेरा विरोध किया जा रहा है. मैं ऑन द फ्लोर ऑफ द हाउस ये बात कर रहा हूं. आप अपने मुख्यमंत्री से पूछ लीजियेगा"- निशिकांत दुबे, बीजेपी सांसद, गोड्डा
नीतीश-रामविलास की बैठक मेरे आवास पर: वहीं निशिकांत दुबे ने जेडीयू को गठबंधन के साथ-साथ पुराने दिनों की भी याद दिलाई. उन्होंने कहा, 'मैं बड़ी गंभीरता से एक बात कहना चाहता हूं कि 2005 में जब जेडीयू की सरकार नहीं बनी और रामविलास पासवान जी की जरूरत पड़ गई. तब वह मीटिंग दो घर पर हुई. एक पत्रकार के घर पर हुई और दूसरी मीटिंग मेरे घर पर हुई, जिसमें नीतीश कुमार जी और रामविलास पासवान मौजूद थे.'
2005 में क्या हुआ था?:दरअसल साल 2005 में दो बार बिहार विधानसभा के चुनाव हुए थे. फरवरी-मार्च में जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, तब किसी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला था. 29 सीटों के साथ रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी 'किंगमेकर' के तौर पर उभरी. लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों पासवान को साथ लाना चाहते थे लेकिन मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की शर्त के कारण किसी के साथ बात नहीं बनी. बाद में अक्टूबर-नवंबर में हुए चुनाव में जेडीयू-बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला और सरकार बनी.