पटना:विधानसभा चुनाव 2020 में जीत के बाद एनडीए की नई सरकार बनी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भाजपा के अधिकतर नए चेहरों ने मंत्री के रूप में शपथ ली. मंगल पांडेय को छोड़ दें तो मंत्रिमंडल में बीजेपी के तमाम नए चेहरों को जगह दी गई है. भाजपा के पूर्व मंत्रियों को अभी भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है. उन्हें उम्मीद है कि मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलेगी. इसके चलते मंत्रियों ने अभी तक सरकारी बंगले पर कब्जा बरकरार रखा है.
आधा दर्जन पूर्व मंत्रियों को विस्तार से उम्मीद
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी. उन्होंने 36 घंटे के अंदर सरकारी बंगला खाली कर दिया था. वहीं, भाजपा के कई पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगले का मोह सता रहा है. आने वाले दिनों में कैबिनेट का विस्तार होगा. नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें कैबिनेट में जगह मिलेगी. लिहाजा वे सरकारी बंगले पर कब्जा जमाए बैठे हैं.
नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, रामनारायण मंडल, विनोद नारायण झा, राणा रणधीर सिंह, प्रमोद कुमार और कृष्ण कुमार ऋषि का नाम पूर्व मंत्रियों की सूची में शामिल है, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. इन नेताओं ने अभी सरकारी बंगला नहीं छोड़ा है.
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हो रही बैठकें
मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के साथ बैठक किया है. भाजपा ऑफिस में भी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और भूपेंद्र यादव ने लगभग 1 घंटे तक मंत्रणा की.