पटना:बिहारपंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) को लेकर भाजपा पिछले 1 साल से जोर शोर से तैयारी कर रही थी. पार्टी नेता लगातार पंचायत चुनाव दलगत आधार पर कराने की वकालत भी कर रहे थे, लेकिन सरकार में इस बात को लेकर सहमति नहीं बनी. भारतीय जनता पार्टी (Bihar BJP) ने पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी के लिए रणनीति तैयार की थी और बैठकों का दौर भी चला था. लेकिन तकनीकी कारणों को लेकर भाजपा ने रणनीतियों में बदलाव किया है.
यह भी पढ़ें-बिहार भाजपा के मिशन पर ग्रहण, पंचायत चुनाव को लेकर संशय
दरअसल बिहार में पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा. इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर या दल के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार नहीं किया जाएगा. कानूनी अड़चनों को लेकर भाजपा ने भी अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है. पार्टी अब अधिकृत तौर पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी लेकिन पर्दे के पीछे से कार्यकर्ताओं को स्थानीय संगठन के द्वारा मदद पहुंचाया जाएगा.
'पार्टी पंचायत चुनाव को लेकर लंबे समय से तैयारी कर रही है. कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है. हमारे कार्यकर्ता अधिक से अधिक चुनाव जीत कर आए इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता काम करेंगे.'- अखिलेश सिंह, भाजपा प्रवक्ता
'पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं हो रहे हैं इसलिए पार्टी की भूमिका सक्रिय नहीं रहेगी. पार्टी के कार्यकर्ता जरूर चुनाव लड़ेंगे स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता उम्मीदवारों को मदद भी करेंगे.'- हरि भूषण ठाकुर, भाजपा विधायक
बताते चलें कि बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) की तैयारी जोरों पर है. सूत्रों की मानें तो अगस्त के अंतिम सप्ताह में पहले चरण का चुनाव कराया जाएगा. इस बीच आयोग ने कोरोना काल (COVID-19) में चुनाव को लेकर कई आवश्यक कदम भी उठाए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम निर्वाचन को लेकर सभी जिलों से 10 चरणों में मतदान कार्यक्रम की तैयार रिपोर्ट प्राप्त कर ली है. आयोग 10 चरणों में चुनावी कार्यक्रम की तैयारी में है.