पटना:तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की आरजेडी और अपने परिवार से दूरियां बढ़ती जा रही है. पार्टी और परिवार में हक की लड़ाई लड़ रहे तेज प्रताप यादव को अब बीजेपी का साथ मिल रहा है. बीजेपी नेता जहां खुलकर तेज प्रताप की वकालत कर रहे हैं, वहीं आरजेडी (RJD) इसे लेकर बीजेपी (BJP) पर हमलावर है.
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ऐसा लगता है जैसे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच आर पार की लड़ाई चल रही है. तेज प्रताप यादव जनता की अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं. तेज प्रताप ने अपनी मां राबड़ी देवी से भी मुलाकात नहीं की. तेज प्रताप यादव ने नंगे पांव पदयात्रा कर न्याय के लिए जेपी के रास्ते पर चलने के संकेत भी दे दिए हैं.
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भाजपा प्रवक्ता संतोष पाठक ने कहा है कि तेज प्रताप यादव को परिवार में अलग-थलग कर दिया है. राजद के कुछ नेता परिवार और पार्टी को तहस-नहस करना चाहते हैं.
"शिवानंद तिवारी और जगदानंद सिंह जैसे नेताओं के चलते महाभारत छिड़ी है. न्याय के लिए तेज प्रताप को पद यात्रा करनी पड़ रही है. हम चाहते हैं कि तेज प्रताप को न्याय मिले."-संतोष पाठक,भाजपा प्रवक्ता
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"राजद में कोई विवाद नहीं है. एनडीए में आंतरिक विवाद है और उसे छुपाने के लिए भाजपा नेता राजद पर हमले बोल रहे हैं. अपने मंसूबे में वह कामयाब होने वाले नहीं हैं."-एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
आपको बता दें कि तेज प्रताप यादव ने बिहार उपचुनाव में तारापुर सीट से छात्र जनशक्ति परिषद के मुंगेर प्रमंडल के अध्यक्ष संजय कुमार को निर्दलीय उतारा था. शुक्रवार को तारापुर विधानसभा के असरगंज माछिडीह के रहने वाले कांग्रेस से तारापुर विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजय कुमार ने अनुमंडल कार्यालय परिसर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल किया था. तेज प्रताप यादव अपने प्रत्याशी का प्रचार भी करने वाले थे. लेकिन उसके पहले ही तेजस्वी ने उन्हें झटका दे दिया है.
गौरतलब है कि बिहार की कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल लगे हैं. महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस और राजद के रास्ते अलग हो गये और दोनों पार्टियों ने अपने अलग-अलग उम्मीदवार उतार दिये. हालांकि एनडीए गठबंधन की तरफ से दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप ने निर्दलीय उम्मीदवार संजय यादव को तारापुर से उतारकर उपचुनाव को काफी रोचक बना दिया था. लेकिन ऐन मौके पर संजय ने तेजस्वी से मिलकर राजद का दामन थाम लिया.