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यूक्रेन में फंसे बिहार पुलिस अधिकारियों के लाल, वैशाली की बेटी ने लगाई PM और CM से गुहार

दुनिया के दो देशों के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine War) में बिहार के आम लोगों के साथ-साथ नेताओं और कई पुलिस अधिकारियों के बच्चे भी यूक्रेन में बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं. इन बच्चों को चिंता है, तो बस अपने वतन वापस आने की. पढ़ें ये रिपोर्ट

यूक्रेन में फंसे बिहार पुलिस अधिकारियों के बच्चे
यूक्रेन में फंसे बिहार पुलिस अधिकारियों के बच्चे

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Published : Feb 26, 2022, 8:24 PM IST

पटनाःरूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच बिहार के कई छात्र यूक्रेन में फंसे (Bihar student in Ukraine) हुए हैं और यहां भारत में उनके परिजन अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं. युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे छात्र लगातार फोन और वीडियो के जरिए अपने परिवार वालों को हिम्मत दे रह हैं, तो अपनी आपबीती भी सुना रहे हैं. जो छात्र वहां फंसे हैं उनमें आम लोगों के साथ-साथ नेताओं और कई पुलिस अधिकारियों के (Bihar Police Officers Children stranded In Ukraine) बच्चे भी शामिल हैं. इन बच्चों को इंतजार है तो बस अपने वतन वापस आने का.

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बिहार की राजधानी पटना में कोतवाली थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह, सुलतानगंज थाना प्रभारी शेर सिंह यादव और बीएमपी 16 की प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीता रंजन के बच्चे भी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे. इस वक्त वो भी वहां फंसे हुए हैं. इन बच्चों के परिजन लगातार उनसे बात कर उनकी हिम्मत बढ़ाने में लगे हैं. साथ ही बच्चे भी अपने परिवार को ढाढ़स बंधा रहे हैं.

कोतवाली थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि उनका भांजा अभिनव रंजन डेढ़ साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गया था और वहां जंग के बीच फंस गया है. शनिवार की सुबह कोतवाली थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने अभिनव को फोन कर उसके लौटने के सिलसिले में जानकारी ली तो उनके भतीजे ने बताया कि वह एयर इंडिया के विमान से वापस लौटने की तैयारी में है.

'मेरे भांजे अभिनव रंजन ने बताया कि यूक्रेन सरकार रात 8:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक बिजली काट देती है. शनिवार की सुबह जब वह इंडियन एंबेसी की तरफ जा रहा था, इसी दौरान एक मिसाइल इंडियन एंबेसी से महज 2 किलोमीटर पहले गिरा जिसको देखकर वो घबरा गया. इंडियन एंबेसी उन्हें भारत लाने का हर संभव प्रयास कर रही है'- सुनील कुमार सिंह, थाना प्रभारी


वहीं, दूसरी ओर सुलतानगंज थाना प्रभारी शेर सिंह यादव के बेटे राहुल जो 2019 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन के ईवानों फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी गए थे वो भी वहां फंसे हुए थे. फिलहाल एयर इंडिया की फ्लाइट से यूक्रेन के बॉर्डर रोमानिया में इंडियन एंबेसी के द्वारा उन्हें लाने की कोशिश हो रही है.

'जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है तबसे उनका बेटा राहुल काफी डरा हुआ है. हालांकि इंडियन एंबेसी के द्वारा राहुल सहित उसके यूनिवर्सिटी में भारत के पढ़ने वाले कुल 11 इंडियन छात्रों को वापस लेने की कवायद लगातार जारी है'- शेर सिंह यादव, थाना प्रभारी

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पटना के ही बीएमपी 16 की प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीता रंजन बताती हैं- उनकी बेटी पूजा 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन के खारकीव गई थी. शनिवार की सुबह पूजा ने फोन करके बताया कि इस युद्ध के कारण वह खार इलाके के ही एक अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में छुपी हुई है. फिलहाल इस अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में अपनी जान बचाने के लिए सैकड़ों भारतीय छात्र शरण लिए हुए हैं.

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उधर वैशाली जिले के राघोपुर की एक छात्रा संजना राठौर जो यूक्रेन में रहकर 3 वर्षों से पढ़ाई कर रही हैं, उसने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है. वीडियो में वो काफी डरी हुई नजर आ रही हैं. उसने वीडियो में बताया है कि कैसे वहां के एयरपोर्ट को बम से उड़ा दिया गया है. कभी भी बिजली और इंटरनेट सेवा बंद हो सकती है. अपनी वीडियो में उसने देश के प्रधानमंत्री मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वो उन सब छात्रा-छात्राओं को जल्द बुलाएं जो यहां फंसे हुए हैं.

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वहीं, इन तमाम छात्र-छात्राओं और परिवार वालों की परेशानी को देखते हुए सीएम नीतीश ने ऐलान किया है कि बिहार आने वाले छात्रों का पूरा खर्च राज्य सरकार देगी, जिन्हें भारत सरकार एयरलिफ्ट करा रही है. सीएम ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. सीएम के इस एलान के बाद बिहार के उन तमाम परिवार वालों को भी काफी राहत महसूस होगी, जो लगातार अपने बच्चों को देश वापस बुलाने की गुहार लगा रहे हैं.

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आपको बता दें कि भारत सरकार की यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकालने की योजना है. वहां फंसे छात्रों को सीमा चौकियों पर पहुंचने के लिए कहा गया है. पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के दूतावास ने नई एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जो पोलैंड के रास्ते निकलना चाहते हैं वो भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर बस से पहुंचे. दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी गई है.

उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी. दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में) अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है. दूतावास ने कहा है कि भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें

एयर इंडिया की शुरुआती उड़ानों से पहले ही करीब 4 हजार लोगों को वहां से निकला जा चुका था. शनिवार को एअर इंडिया के एक और विमान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचा था, जो 250 छात्रों को स्वदेश लेकर रात तक लौटेगा. सरकार की ओर से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए शनिवार को अन्य उड़ानें भी संचालित की जाएंगी.


ईटीवी भारत उन तमाम बच्चों के परिजनों को संयम बरतने की सलाह देता है, साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के सकुशल भारत लौटने की कामना करता है.

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