आर पार के मूड में नियोजित शिक्षक पटना:बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने की उम्मीद में सभी लोग कैबिनेट की बैठक पर टकटकी लगाए बैठे थे लेकिन उन्हें फिर निराशा हाथ लगी है. बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि आज उम्मीद थी कि राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा लेकिन नहीं मिला. प्रदेश के 4.50 लाख नियोजित शिक्षक सरकार के इस रवैये से क्षुब्द हैं. अब आंदोलन को आगे तेज करने के लिए विचार कर रहे हैं. सभी शिक्षक संगठन अब इस बात की जरूरत महसूस करने लगे हैं कि एक बार एक संयुक्त बैठक हो और आगे के आंदोलन की रणनीति पर विचार विमर्श हो. इसी रणनीति के तहत आगामी 2 अक्टूबर को विद्यालयों में शिक्षकों का अनशन कार्यक्रम प्रस्तावित है.
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2 अक्टूबर को नियोजित शिक्षक का उपवास: बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि आज की इस बैठक से काफी उम्मीदें थी लेकिन निराशा हाथ लगी है. ऐसे में वह अपनी चार प्रकार की मांगों को लेकर सीएम सचिवालय में ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंचे हुए थे. उन्होंने बताया कि उनकी पहली मांग है कि नियोजित शिक्षकों को सीधे राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और इस मांग को लेकर आगामी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर शिक्षक विद्यालयों में उपवास कार्यक्रम करेंगे और उसके बाद सत्याग्रह लगातार चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा. इसकी सूचना सीएम सचिवालय को दे दी गई है.
क्या कहा बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के संयोजक?:राजू सिंह ने बताया कि इसके साथ ही शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों को सेवा शर्त के साथ-साथ वेतनमान में सुधार करने को लेकर भी ज्ञापन दिया है, क्योंकि साल 2012 में नियोजित शिक्षकों के साथ-साथ उनकी भी बहाली की गई थी लेकिन उनके वेतन में अब तक सुधार नहीं किया गया है जबकि शिक्षकों के वेतन में सुधार हुआ है. राजू सिंह ने कहा कि इसके अलावा एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है कि एनआईओएस और विभिन्न बोर्ड से डीएलएड करने वाले शिक्षकों के लिए पूरक परीक्षा आयोजित की जाए.
"सरकार ने प्रशिक्षण की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा यह कोर्स करवाया था लेकिन कुछ शिक्षक एक और दो पेपर में असफल रहे और दोबारा उसकी पूरक परीक्षा आयोजित नहीं की गई. इसके कारण काफी संख्या में शिक्षक आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं और कई जिलों में और प्रशिक्षित रह गए शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. ऐसे में पूरक परीक्षा को सरकार जल्द से जल्द कराए"- राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ
सरकार से शिक्षक संघ की मांग:प्रदेश संयोजक ने कहा कि मुख्यमंत्री सचिवालय के माध्यम से कम को एक और ज्ञापन दिया है कि छठे चरण में बहस 42000 नियोजित शिक्षकों में लगभग 20000 बीएड योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षक है. बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के सेवा शर्त नियमावली के तहत नियुक्ति की तिथि से 2 वर्षों के अंदर 6 माह का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य है लेकिन देश वर्ष बीत जाने के बावजूद यह ब्रिज कोर्स बीएड योग्यता धारी शिक्षकों को नहीं कराया गया है. जिसके कारण इन शिक्षकों को प्रतिमाह ₹8000 से ₹10000 का आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि यह सरकार के अनुसार अभी अप्रशिक्षित है. वह सरकार से मांग करते हैं कि इन बीएड योग्यता धारी शिक्षकों को 6 माह के अंदर ब्रिज कोर्स करवाया जाए.