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16 हजार KM लंबी मानव श्रृंखला बनाकर बिहार ने बनाया था इतिहास, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

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Published : Jan 22, 2021, 10:26 PM IST

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने 19 जनवरी 2020 को बिहार में 'जल जीवन हरियाली' पर बनी राज्यव्यापी मानव शृंखला को दुनिया का लॉर्जेस्ट ह्यूमन चेन माना है.

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मानव श्रृंखला

पटना: बिहार वासियों के लिए एक अच्छी खबर है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने 19 जनवरी 2020 को बिहार में 'जल जीवन हरियाली' पर बनी राज्यव्यापी मानव शृंखला को दुनिया का लॉर्जेस्ट ह्यूमन चेन माना है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2021 में बिहार की उपलब्धि को रिकॉर्ड के रुप में जगह दी गई है. गुरुवार को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से शिक्षा विभाग को इस बात की जानकारी दी गई. बिहार ने विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बना इतिहास रचने का काम किया था. पर्यावरण संरक्षण को लेकर जन जागरण के उद्देश्य से राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई थी.

इस संबंध में जेडीयू नेता और बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर लिखा, ''बिहार वासियों के नाम एक और गौरवपूर्ण रिकार्ड. जल जीवन हरियाली के प्रति जनजागरूकता के लिए 19 जनवरी 2020 को बनाई दुनिया की सबसे लंबी मानव शृंखला. यशस्वी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व में एनडीए सरकार बिहार का वर्तमान ही नहीं, भविष्य भी संवार रही है.''

जल-जीवन-हरियाली के लिए बनी थी मानव श्रृंखला
बिहार में जल-जीवन-हरियाली को लेकर मानव श्रृंखला बनाई गई थी. इसकी शुरुआत पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने की थी. इस दौरान करीब 4.27 करोड़ से अधिक लोगों ने करीब 16000 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई.

इस मानव श्रृंखला की तस्वीर और वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर लगाए गए थे. इसका मकसद जलवायु परिवर्तन में सुधार और सामाजिक बुराइयों जैसे- शराबबंदी, नशामुक्ति, बाल विवाह और दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करना था. इससे पहले साल 2018 में दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ 13, 654 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी.

19 जनवरी 2020 को बनी थी मानव शृंखला.

सरकार ने बनाई थी 24.5 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमारअपने पिछले कार्यकाल के दौरान ही जल-जीवन-हरियाली योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहत 3 साल में 24 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च करने की सरकार ने योजना बनाई थी. लेकिन पिछले 1 साल से कोरोना महामारी के कारण इस योजना पर ब्रेक लग गई है. राज्य में लागू लॉकडाउन के कारण सरकार राजस्व में भारी कमी भी आई. जिसके कारण कई योजनाओं को राजस्व कमी के वजह से स्थगित किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपने महत्वकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली में तेजी लाने के लिए सरकारी तंत्र को निर्देश दिया है.

इस योजना में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण 12 विभाग शामिल हैं. वित्त, ग्रामीण विकास, राजस्व एवं भूमि सुधार, वन एवं पर्यावरण, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, पीएचईडी, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, नगर विकास, शिक्षा और योजना एवं विकास विभाग शामिल है. इस योजना का नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग को बनाया गया है. गौरतलब है कि बिहार विधान परिषद के 11 सदस्यों को इस योजना की कमेटी का सदस्य भी नियुक्त किया गया है. इन सभी विभागों के अध्यक्षों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सीएम ने कुछ दिन पूर्व एक उच्चस्तरीय बैठक भी की. बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि इन विभागों को जो जिम्मेवारी दी गई थी अब उस में तेजी लाएं

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