पटना: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया है. जनता कर्फ्यू को लेकर जागरूक करने के लिए कई राज्यों में सरकार ने पहल करते हुए लोगों से इसे सफल बनाने की अपील की. दूसरी ओर बिहार में इसको लेकर सरकार ने कोई पहल नहीं की. इस बाबत, जब मीडिया में खबरें चलनी शुरू हुई, तब जाकर बिहार सरकार की नींद टूटी. अब सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने संयुक्त रूप से प्रेस रिलीज जारी कर जनता कर्फ्यू को सफल बनाने की अपील की है.
जनता कर्फ्यू को लेकर जदयू खेमे की ओर से शिथिलता बरती गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणा के बाद कई राज्यों ने पहल की और लोगों को जागरूक किया. लेकिन बिहार जागरूकता अभियान में पीछे रह गया. जदयू नेताओं ने जनता कर्फ्यू को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई.
लोगों से बिहार सरकार की अपील
संयुक्त प्रेस रिलीज में सीएम और डिप्टी सीएम ने कहा कि वायरस से पूरी मानव जाति संकट में है. हम सब इस महामारी का डटकर मुकाबला कर रहे हैं. 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया है. हम बिहार वासियों से अपील करते हैं कि वह सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने घरों में रहकर जनता कर्फ्यू का पालन करें.
हम यह भी अपील करते हैं कि जब 9 बजे समय समाप्त हो जाए, तभी यथासंभव लोग घर ही में रहें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टेस्टिंग लैब बढ़ाने हेतु समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मेटल युक्त सामान को छूने से लोग परहेज करें.
पहली बार सीएम और डिप्टी सीएम ने जारी किया संयुक्त बयान
यह पहला मौका है, जब नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने संयुक्त रूप से प्रेस रिलीज जारी की. इससे पहले ऐसी स्थिति बनी रही कि जनता कर्फ्यू को लेकर सरकारी स्तर पर ठोस पहल नहीं की गई.