पटना: बिहार में जातीय गणना के आंकड़े जारी होने के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. वहीं, इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है. मांझी ने नीतीश कुमार से मंत्रिमंडल बर्खास्त कर जातीय गणना के आंकड़ों के आधार पर मंत्री परिषद गठन की डिमांड रखी है.
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'नीतीश कुमार करें मंत्रिमंडल बर्खास्त' : जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, ''जिसकी जितनी संख्या भारी,मिले उसको उतनी हिस्सेदारी के तर्ज पर मैं नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर संख्या आधारित मंत्री परिषद का गठन करें, जिससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिल पाए. दरी बिछाने वाला ज़माना गया,जो बिछाएगा वही बैठेगा.''
जाति गणना रिपोर्ट में विसंगति- मांझी :बता दें कि 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार की सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में भी मांझी ने अपनी बात रखी थी. उन्होंने संभावना जताई थी कि रिपोर्ट में कुछ विसंगति है, क्योंकि गणना रिपोर्ट में मांझी की जो जनसंख्या 3.08 फीसदी बताई गई, उससे कही अधिक है. इससे पहले भी मांझी ने ट्वीट कर हकमारी की बात कही थी. साथ ही आबादी के हिसाब से आरक्षण की मांग की थी.
बिहार सरकार ने जारी की जातीय गणना रिपोर्ट : 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन बिहार सरकार ने जातिय गणना रिपोर्ट सार्वजनिक की. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की जनसंख्या करीब 13.07 करोड़ बताई गई. इसमें ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) सबसे ज्यादा 36.01 फीसदी, ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) 27.12 फीसदी हैं. रिपोर्ट में धर्म के लिहाज से सबसे अधिक हिंदू आबादी करी 82 फीसदी है, जबकि मुस्लिम 17.7 फीसदी हैं.