वैशालीः बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट सरकार ने जारी कर दी है. कई राजीतिक लोग इस रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, इसी बीच वैशाली के लोगों ने भी जातिगत गणना रिपोर्टगलत होने का आरोप लगाया है. जब इसका कारण जानने का प्रयास किया तो लोगों ने चौकाने वाले खुलाए किए. उन्होंने साफ-साफ कहा कि उनके घर कोई भी सरकारी कर्मी जातिगत सर्वे करने के लिए नहीं आए हैं.
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अंग्रेजी बाजार में कुर्मी और कुम्हार जाति के लोगः मामला जिले के अंग्रेजी बाजार का है. इस इलाके की आबादी करीब 1200 से लेकर 1400 के बीच है. यह वह इलाका है, जहां विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले का आयोजन किया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सर्वे करने वाले कर्मी इस जगह को कैसे भूल गए. जातिगत रिपोर्ट जारी होने के बाद लोगों ने अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिए हैं. क्षेत्र की महिला, पुरुष और युवा ने खुलासा करते हुए कहा कि यहां कोई सर्वे नहीं हुआ है.
'कोई सरकारी कर्मी नहीं आए':बता दें कि इस इलाके के सभी लोग कुम्हार और कुर्मी जाती से आते हैं. अंग्रेजी बाजार की रहने वाली श्रद्धा देवी कुम्हार जाति से आती हैं. जातिगत सर्वे नहीं होने से ठगा महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. घर में कोई अखबार और न्यूज नहीं देखता है तो सर्वे के बारे में जानकारी भी नहीं मिली है. श्रद्धा ने बताया कि उनके घर कोई सरकारी कर्मी जातिगत सर्वे करने नहीं आए.
"हम लोग को पहले पता ही नहीं चला. मुखिया जी बताए कि सर्वे हो गया. जाति गणना के लिए कोई नहीं आया तो गणना कैसे हो गया? कोई आता तभी तो इसके बारे में जानकारी मिलती. सरकार रिपोर्ट दे दी है, लेकिन यह रिपोर्ट बिल्कुल गलत है. घर में आकर पूछना चाहिए था."-श्रद्धा देवी, अंग्रेजी बाजार निवासी
'कोई आया ही नहीं तो कैसे पता होगा':श्रद्धा देवी के अनुसार मुखिया ने कहा कि सर्वे हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इस इलाके में सर्वे हुआ है तो कर्मी घर-घर क्यों नहीं गए. सिर्फ श्रद्धा देवी ही नहीं है, जिसके घर कर्मी जातिगत सर्वे करने के लिए नहीं गए. इस इलाके के ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. अखिलेश पंडित ने कहा कि जातिगत सर्वे करने के लिए न कोई घर आया और न उनसे कुछ पूछा गया.
"इधर कोई नहीं आया है. सब अपवाह है. सरकार क्या रिपोर्ट जारी की है, इसके बारे में हमे जानकारी ही नहीं है. हमारे यहां कोई जातीय गणना नहीं हुआ है. कोई पूछने के लिए नहीं आया कि आप किस जाति के रहने वाले हैं. हम लोगों का जातीय गणना नहीं हुआ है."-अखिलेश पंडित
गलत रिपोर्ट जारी करने का आरोप:इसी तरह इलाके के बहुत सारे लोगों ने सरकार पर गलत रिपोर्ट जारी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने साफ कहा कि कोई भी सरकारी कर्मी जातीय सर्वे करने के लिए नहीं आया है. अंग्रेजी बाजार के रहने वाली सुमित्रा देवी कुर्मी जाति, राकेश कुमार पंडित कुम्हार, नीरज कुमार कुर्मी और मनीष कुमार कुम्हार जाति से आते हैं, लेकिन इन लोगों का सर्वे ही नहीं हुआ है. सभी ने एक स्वर में कहा कि इनके यहां कोई सर्वे करने के लिए नहीं आया.
अंग्रेजी बाजार की रहने वाली सुमित्रा देवी ने बताया कि'सरकार कहां जातीय जनगणना करवायी है, हमें इसकी जानकारी नहीं है. मेरे मोहल्ले में किसी के यहां नहीं हुआ है'राकेश कुमार पंडित ने बताया कि'मेरे यहां कोई नहीं आया, हम किसी को देखे हीं नहीं हैं, कि कौन सर्वे करता है?'नीरज कुमार ने बताया कि'सरकार बिना सर्वे कराए रिपोर्ट कैसे जारी कर दी समझ नहीं आ रहा है. मेरे यहां भी कोई सर्वे नहीं हुआ.'