बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ सदन में प्रदर्शन पटना:बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर रहा है. बजट सत्र के 15वें दिन विपक्ष ने बिहार में बिजली की दरों में बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा और विधानसभा और विधानपरिषद में जमकर हंगामा किया. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार विद्युत नियामक आयोग ने जिस प्रकार से टैरिफ की वृद्धि की है और फिक्स्ड चार्ज बढ़ाया है, यह जनता पर बड़ा बोझ है.
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बोले तारकिशोर- 'बिजली दरों में वृद्धि के फैसले को वापस ले सरकार': तारिकशोर प्रसाद ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली के बिल अनाप-शनाप आ रहे हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार इस फैसले को सहन नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सरकार अविलंब इसपर सब्सिडी घोषित करे, नहीं तो एनडीए सदन से लेकर सड़क तक इस फैसले का विरोध करेगी.
"महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. महागठबंधन अपनी अंतिम सांस ले रही है. आरोप-प्रत्यारोप के अलावा इनके पास और कोई लक्ष्य नहीं है."-तारकिशोर प्रसाद, पूर्व डिप्टी सीएम, बिहार
'सदन से लेकर सड़क तक होगा विरोध':बीजेपी के सदस्यों ने कहा कि अचानक जिस तरह से बिजली बिल में बढ़ोतरी की गई है , यह जनहित में नहीं है और हम सरकार से मांग करते हैं कि जो बढ़े हुए बिजली दरें हैं, उसको वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार मनमानी कर रही है. लगातार जमीन निबंधन शुल्क हो या बिजली बिल हो या अन्य टैक्स हो वह बढ़ा रही है. बीजेपी के विधान पार्षद प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार सरकार को जनता की परवाह नहीं है. यही कारण है कि जिस बिजली का उपयोग आजकल किसान सिंचाई के लिए कर रहे हैं उसका बिल भी लगातार बढ़ते चले जा रहा है.
"बिहार में गरीब हो, मजदूर हो, किसान हो या आमजन हो सभी बिजली का उपयोग करते हैं. केंद्र सरकार ने घर-घर तक बिजली पहुंचाने का काम किया है लेकिन बिहार सरकार उल्टे बिजली बिल की बढ़ोतरी कर रही है. बढ़े हुए बिजली के दर को सरकार वापस ले. अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में इसके विरोध में प्रदर्शन करेगी."- प्रमोद चंद्रवंशी, बीजेपी विधान पार्षद
बिजली की दरों में बढ़ोतरी: सरकार ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग के बिजली की दरों में बढ़ोतरी के फैसले को गुरुवार को मंजूरी दे दी. आयोग ने तो 40 प्रतिशत दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था लेकिन मुहर 24.10 फीसदी पर लगी. बिजली बिल के फिक्स्ड चार्ज पर भी डबल हो गई है. 1 अप्रैल 2023 से नई दरें लागू की जाएंगी जो 31 मार्च 2024 तक या आयोग के अगले टैरिफ आदेश तक प्रभावी रहेंगे.