पटनाः बिहार में विधानसभा के 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव (By-election) को लेकर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. एनडीए की एकजुटता के बावजूद नीतीश कुमार के सामने चुनौती कम नहीं है. महागठबंधन के उम्मीदवार भले ही अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं और नीतीश कुमार ने अपनी पूरी ताकत भी लगा दी है. तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) दोनों विधानसभा सीटों पर अपने सोशल इंजीनियरिंग के तहत मंत्रियों को भी लगाया है. प्रचार में एक तरफ तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) हैं, तो दूसरी तरफ चिराग पासवान (Chirag Paswan).
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तारापुर विधानसभा सीट पर हमेशा कुशवाहा नेताओं का दबदबा रहा है, तो वहीं कुशेश्वरस्थान पर दलित नेता चुनाव जीते रहे हैं. नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के उस्ताद माने जाते हैं. लालू प्रसाद यादव को अपने सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से ही 2005 में मात दी थी. बिहार में 16 सालों से मुख्यमंत्री बने रहने की बड़ी वजह नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग ही है. लेकिन बिहार विधानसभा के 2 सीटों पर हुए चुनाव में नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा एक बार फिर से दांव पर लगी है.
कुशेश्वरस्थान से कुल 11 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. वहीं तारापुर विधानसभा क्षेत्र से 12 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू से राजीव कुमार सिंह, राजद से अरुण कुमार साह, प्लुरल्स से वशिष्ठ नारायण, कांग्रेस से राजेश कुमार मिश्र, चिराग पासवान की तरफ से कुमार चंदन प्रमुख उम्मीदवार हैं, इसके अलावा निर्दलीय और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार भी हैं.
कुशेश्वरस्थान से जदयू से आनंद भूषण हजारी, राजद से गणेश भारती, कांग्रेस से अतिरेक कुमार, चिराग पासवान की तरफ से अंजू देवी प्रमुख उम्मीदवार हैं. इसके अलावा निर्दलीय और अन्य दलों के उम्मीदवार भी हैं.
नीतीश कुमार ने अपनी कोर टीम को दो भागों में बांटा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री अशोक चौधरी, संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, मंत्री सुमित सिंह को तारापुर की जिम्मेवारी दी है. वहीं केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को कुशेश्वरस्थान की जिम्मेवारी दी है.
नीतीश कुमार के आग्रह पर बीजेपी ने मंत्री सम्राट चौधरी को प्रचार के लिए तारापुर में उतारा है. क्योंकि सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी लंबे समय तक तारापुर का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. इसके साथ ही नीतीश कुमार पार्टी के कई मंत्रियों को दोनों जगह उतारा है. उम्मीदवार की घोषणा से लेकर उम्मीदवार के नामांकन और अब प्रचार तक में नीतीश कुमार खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं.