पटना: बिहार में कोरोना ( Corona in Bihar ) की तीसरी लहर की रफ्तार तेज हो गई है. लगातार अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में डॉक्टर बता रहे हैं कि, कैसे कोरोना के लक्षण को पहचाने और कैसे इससे खुद ( Doctor Tips to Save Yourself From Corona ) को बचाए. एलोपैथी, होम्योपैथी और अन्य चिकित्सकों ने लोगों को कई तरह के सुझाव दिए (Patna Best doctor advice on Corona ) हैं. खास बात ये कि, ठंड के मौसम में होने वाली सर्दी खांसी को कोरोना समझकर बिल्कुल न डरें.
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शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी कोरोना के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है. ऐसे में इन दिनों बढ़ते ठंड के दौरान मौसमी सर्दी खांसी होने पर लोगों को कोरोना का भय सताने लगा है. ऐसे में एलोपैथी चिकित्सक, होम्योपैथी चिकित्सक एवं अन्य चिकित्सकों ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को कुछ सुझाव दिया है और अपील कर रहे हैं कि, कोरोना को हराना है डरना नहीं है.
कोरोना से बचाव और इलाज के कारगर तरीके की जानकारी देते चिकित्सक. यह भी पढ़ें- VIDEO: न मुंह पर मास्क ना लॉकडाउन की परवाह, बारातियों के ''दिलवा भईल बेकाबू''
क्या कहते हैं एलोपैथी चिकित्सक: चिकित्सकों का कहना है कि, ज्यादा पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन दिनों मौसमी सर्दी खांसी हो सकती है. सीने में दर्द जलन होने पर या ज्यादा असहज महसूस होने पर ही अस्पताल जाएं और डॉक्टरों से सलाह लें. हाथ को ज्यादा से ज्यादा धोते रहें. एनएमसीएच के डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा कि, सैनिटाइजर से हाथ वॉश करने से अच्छा होगा कि साबुन से हाथ धोते रहें. बाजार जब भी जाएं तो, मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही डॉक्टर का कहना है कि, अगर मुमकिन हो तो ज्यादा से ज्यादा अपने घर पर ही रहे और जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकले.
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"तीसरी लहर में लोगों में कोरोना के लक्षण अलग दिख रहे हैं. गले में दर्द के साथ खांसी और बदन दर्द बहुत हो रहा है. ऐसे में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि, फ्लू है या कोरोना है. जब भी कभी सीने में दर्द हो, खांसी हो या गले में दर्द हो या बदन दर्द हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह जरूर लें. उसके लिए नजदीकी अस्पताल में जाना सही होता है. भीड़भाड़ में न जाएं. बाजार जाएं भी तो सामान अलग रखें. हाथ धोते रहे. सैनिटाइजर से लाख गुना बेहतर हैंड वॉश करना है. इसलिए मैं सभी से अपील करूंगा कि साबुन से ही हाथ धोएं."- सुधीर सिंह, चिकित्सक, एनएमसीएच
क्या कहते हैं होम्योपैथिक चिकित्सक: ईटीवी भारत सेबातचीत में होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश सिंह कहते हैं कि हमेशा मुश्किल समय में होम्योपैथी ने लोगों की मदद की है. कोरोना के मामले में भी यह उपचार पद्धति प्रभावी परिणाम दे रही है. कोविड होने से पहले, कोविड के दौरान और कोविड होने के बाद भी होम्योपैथी आपको बेहतर परिणाम दे सकती है. बहुत सारे गंभीर रोगियों को होम्योपैथिक उपचार से लाभ भी मिला है. किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें.
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"होम्योपैथ में कई तरह की दवाएं हैं, जो अब घर में भी रख सकते हैं और सर्दी खांसी होने पर उसे परामर्श के अनुसार ले सकते हैं. वहीं आयुर्वेद में भी कई तरह की दवाएं हैं. साथ ही चिकित्सक ने इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम भी करने को आवश्यक बताया है. होम्योपैथ में कोरोना से लड़ने के लिए रोज रात में सोते वक्त हल्दी दूध का प्रयोग करने को अच्छा माना जाता है."-डॉ अखिलेश सिंह,होम्योपैथिक चिकित्सक
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