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बिहार से आतंकियों का पुराना कनेक्शन! मुफ्ती से पहले भी कई मामलों में हो चुकी है दर्जनों गिरफ्तारियां

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मौलाना अशर्फी मामले को लेकर अबतक राजस्थान पुलिस ने बिहार पुलिस से ना तो संपर्क किया है और ना ही किसी भी तरह की मदद मांगी है, फिर भी हम लोग अपने स्तर से मुफ्ती मुनव्वर हुसैन अशर्फी से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर रहे हैं ताकि अगर कहीं से उसकी किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि सामने आएगी तो उसकी जानकारी राजस्थान पुलिस या केंद्रीय जांच एजेंसी को समय रहते दे सकें.

बिहार से आतंकियों का पुराना रिश्ता
बिहार से आतंकियों का पुराना रिश्ता

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Published : Jul 11, 2022, 8:18 AM IST

पटना:राजस्थान के उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड (Bihar Connection of Kanhaiyalal Murder Case) का कनेक्शन अब बिहार के भागलपुर से जुड़ गया है. भागलपुर के रहने वाले मुफ्ती मुनव्वर हुसैन अशर्फी (Mufti Munawwar Hussain Asharfi) को एनआईए की टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ की है. इस केस में मौलाना अशर्फी की संलिप्ता की खबर ने बिहार पुलिस के कान खड़ा कर दिए हैं. भागलपुर पुलिस के अलावा स्टेट आईबी और एटीएस भी अपने स्तर से अशर्फी के बारे में तमाम तरह की जानकारी इकट्ठा कर रही है. इस बात की जानकारी पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने दी है.

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"देखिये अभी तक राजस्थान पुलिस ने बिहार पुलिस से ना तो संपर्क किया है और ना ही किसी भी तरह की मदद मांगी है, फिर भी हम लोग अपने स्तर से मुनव्वर से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर रहे हैं ताकि अगर कहीं से उसकी किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि सामने आयेगी तो उसकी जानकारी राजस्थान पुलिस या केंद्रीय जांच एजेंसी को समय रहते दे दें ताकि उसके विरुद्ध कार्रवाई हो सके"- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

बिहार से आतंकियों का पुराना रिश्ता!: वैसे जांच एजेंसियों के साथ-साथ बिहार पुलिस के कान इसलिए भी खड़े हो गए हैं, क्योंकि हाल के दिनों में गिरफ्तार हुए कुछ आतंकी बिहार कनेक्शन सामने आया है. कुछ महीने पहले आतंकियों का बिहार कनेक्शन (Bihar connection of terrorists) सामने आया है. दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ का बिहार के साथ नाम जुड़ा है. बताया जा रहा है कि आतंकी अशरफ जिस फर्जी पहचान पत्र के सहारे दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रह रहा था, वह बिहार के किशनगंज जिले के पते वाला है. आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने रात के समय लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस को उसके पास से हथियार और हैंड ग्रेनेड भी मिले हैं. बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल घुसपैठियों और आंतकियों का सेफ हाउस बनता दिख रहा है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में गया और छपरा के क्षेत्र में भी आतंकी कनेक्शन सामने आए हैं. पिछले साल ही छपरा के दो युवक की गिरफ्तारी की गई थी जो कि बिहार से आतंकियों को हथियार पहुंचाने का काम करता था. बिहार के सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा लगातार उठता रहता है.

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दो दर्जन संदिग्ध गिरफ्तार:दरभंगा, सुपौल, मधुबनी के साथ सीमांचल और मिथिलांचल के कई ऐसे इलाके हैं, जहां से पिछले सालों में सुरक्षा एजेंसियों ने करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है. जुलाई 2013 में बोधगया में धमाके किए गए थे, तब भी यह आरोप लगा था कि इन धमाकों में स्थानीय मॉडयूल का हाथ है. अक्टूबर 2013 में नरेंद्र मोदी की पटना रैली से पहले सिलसिलेवार कई धमाके हुए थे. इन घटनाओं की जांच में ये खुलासा हुआ था कि राज्य में आतंकवाद की जड़ें गहरी हो चुकी हैं. सीमांचल और मिथिलांचल इलाके आतंकवादियों की पनाहगाह बन गए हैं. वर्ष 2000 में बिहार के सीतामढ़ी जिले में पहली बार 2 आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी.

नेपाल भागने में आतंकियों को सहूलियत:हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य मकबूल और जहीर की गिरफ्तारी से जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे. हालांकि, कुछ दिनों बाद सब कुछ शांत रहने लगा था. फिर 2006 से आतंकी फिर दोबारा सक्रिय हुए और धीरे-धीरे सीमांचल और मिथिलांचल से लगातार आतंकियों के तार जुड़ते रहे और कई गिरफ्तारियां हुईं. आतंकवादी बिहार को इसलिए भी चुनते हैं कि उत्तरी बिहार नेपाल से सटा हुआ है. इसी वजह से आतंकियों का भारत में घुसना और बाहर निकलना आसान हो जाता है. पिछले कुछ समय से उत्तर बिहार के कुछ इलाके आतंकियों के छुपने की पसंदीदा जगह बन गए हैं.

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कई बड़े कांडों के आरोपी गिरफ्तार:बिहार से पकड़े गए आतंकियों में 2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकवादी मदनी और 2008 रामपुर CRPF कैंप में विस्फोट मामले मधुबनी के सकरी सबाऊद्दीन शामिल है. 2011 में मधुबनी के ही अफजल और गुल अहमद जमाली को पकड़ा गया था. 2011 में ही दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी. 2012 में दरभंगा के नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था. 2012 में ATS ने अहमद को पकड़ा था. बताया जाता है कि वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर था. 2012 में ही दरभंगा के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था. 2012 में सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. ये वही फसीह महमूद था, जो 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था. फरवरी 2021 में सारण के देव बहुआरा निवासी जावेद को गिरफ्तार किया गया था. रिटायर्ड शिक्षक के बेटे जावेद ने कश्मीरी आतंकी मुश्ताक को 7 पिस्टल उपल्बध कराई थीं.

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