पटना:मॉनसून की बारिश अभी शुरू ही हुई है और इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने पिछले साल जो दावा किया गया था, उसकी पोल खुल गई है. ये तस्वीरें बिहार की राजधानी पटना के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल एनएमसीएच की है.
झमाझम बारिश से एनएमसीएच के मेडिसिन वार्ड में पानी घुस गया, जिससे अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं वार्ड में मछलियां तैरने लगीं.
2018 में भी ऐसे ही थे हाल
बता दें कि पिछले मॉनसून में भी इसी अस्पताल से ऐसी तस्वीरें सामनें आई थीं. जब मॉनसून की बारिश से NMCH के आईसीयू में पानी भर गया था. और इस बार भी मछलियों ने अस्पताल को ही अपना आशियाना बना लिया. यहीं नहीं, इन मछलियों के साथ कई खतरनाक जीव भी एनएमसीएच में पानी के बहाव से घुस रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री से किया गया था सवाल...
साल 2018 में हुई झमाझम बारिश ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी थी. इस बाबत जब स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. इस बार भी हालात ज्यों के त्यों हैं. वहीं, अस्पताल की नर्स भी इस पर यही प्रतिक्रिया दे रही है कि किसी से कुछ छिपा नहीं है.
दावे तमाम, जमीनी हकीकत बदहाल
जी ये हम नहीं कह रहे. ये अस्पताल में तैर रही मछलियां और नीति आयोग की आई रिपोर्ट बयां कर रही है. जहां पटना के इस अस्पताल में मछलियां तैर रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ अभी कुछ दिन पहले ही नीति आयोग की स्वास्थ्य इंडेक्स रिपोर्ट में देश के 21 बड़े राज्यों की लिस्ट में बिहार 20 वें पायदान पर खड़ा है.
विकास मॉडल की तस्वीर
सवाल बड़ा है, सवाल बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का है. सवाल डेंगू, मलेरिया और तमाम जानलेवा बीमारियों से लड़ने वाले एनएमसीएच का है. जहां बारिश का पानी खुद बा खुद जमा हो रहा है. वहां इन गंभीर बीमारियों के इलाज की क्या पुख्ता इंतजाम होंगे. इस बात का जवाब शायद ही बिहार सरकार का विकास मॉडल दे पाए.