पटना/नोएडा : हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा से दंडित होने के बाद नाम बदलकर अपराध कर रह रहे एक शातिर बदमाश को पांच साल बाद एसटीएफ ने गिरफ्तार (UP STF arrest Bihar notorious criminal) किया है. बता दें कि गाजियाबाद में 13 नवंबर को मुठभेड़ हुई थी. यह मुठभेड़ राजनगर एक्सटेंशन थाना टीलामोड़ के पास हुई थी. गाजियाबाद में हुए अपहरण की घटना में वांछित शातिर अपराधी है, जिसे गाजियाबाद मे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार (Ghaziabad Police encounter ) किया गया है.
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आरोपी की गिरफ्तारी गाजियाबाद पुलिस और एसटीएफ के संयुक्त अभियान (Ghaziabad police and stf joint operation) में की गई थी. पकड़ा गया आरोपी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में गढ़ी चौखंडी थाना फेज 3, नोएडा में रह रहा था. आरोपी का नाम पीयूष त्यागी उर्फ अमित शर्मा (Piyush tyagi alias amit sharma ) है. अपराधी कुछ सालों से नाम बदल-बदलकर रह रहा था. आरोपी के पास से पिस्टल, कारतूस, मोटरसाइकिल सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं.
पकड़े गए आरोपी को 2006 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी, जिसने उस समय मामूली कहासुनी पर 2 लोगों के ऊपर गोली चला दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था. आरोपी जेल से छूटने के बाद फरार चल रहा था और नाम बदलकर रह रहा था.
यह अपने साथी शहबाज के साथ राज नगर एक्सटेंशन गाजियाबाद क्षेत्र में मोटरसाइकिल से आने वाला था, जिसकी सूचना एसटीएफ को लगी. एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी को पकड़ने का काम शुरू कर दिया. गिरफ्तारी के दौरान बदमाश द्वारा पुलिस की टीम पर फायर किया गया, जिसमें पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया और घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां अभी इलाज चल रहा है.
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एसपी, एसटीएफ राजकुमार मिश्रा की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी का वास्तविक नाम पियूष त्यागी है और उसने जनपद मेरठ से एमसीए किया हुआ है. पूछताछ में यह भी पता चला कि वर्ष 2006 में एक मामूली कहासुनी में आरोपी ने मोदीनगर के रहने वाले दिनेश कुमार और डॉ हर्षवर्धन पर गोली चला दी थी, जिसमें डॉ हर्षवर्धन की मृत्यु हो गई तथा दिनेश गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस संबंध में आरोपी के खिलाफ आईपीसी धारा 307 और 302 के तहत मुकदमा दर्ज था. उसमें पीयूष को जेल हुई थी.
आरोपी 2012 में जेल से छूट कर वापस आया था और इसी मामले में वर्ष 2016 में न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाते समय आरोपी न्यायालय में नहीं था. वह तभी से फरार चल रहा था, जिसे अब जाकर गिरफ्तार किया गया है. इसके ऊपर करीब 8 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें गाजियाबाद और नोएडा के क्षेत्र शामिल हैं.
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