पटना:राजधानी के गंगा पाथ-वे (Ganga PathWay) पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. इसी भीड़ में पटना के कृष्णा घाट (Krishna Ghaat) पर एक मजदूर नजर आता है. जो लगभग 7 महीने से यहां एक ही जगह धरने पर बैठा है. दरअसल यह कहानी है पटना के प्रतिष्ठित पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के बिजली डिपार्टमेंट में काम करने वाले एक पूर्व मजदूर परमेश्वर प्रसाद की. परमेश्वर अपने साथ एक फाइल में ढेर सारे कागजात लेकर बैठे रहते हैं. अब तक वे अपने पैसे को निकलवाने के लिए कहां-कहां तक जा चुके हैं, सबका लेटर उनके पास रखा हुआ है.
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परमेश्वर प्रसाद बताते हैं कि उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 4 साल 1 महीना 15 दिन काम किया है. इसका उन्हें मेहनताना नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि विद्युत अभियंता ने उन्हें बहाल किया था. उनका काम था कि पटना विश्वविद्यालय में वीसी आवास तक शाम होते ही लाइट जलाना और उसे बंद करना. इसके अलावा विभिन्न हॉस्टलों में भी उनकी यही ड्यूटी रहती थी.
उन्होंने बताया कि जब वे विद्युत अभियंता से अपना पैसा मांगे तो उन्हें बताया गया कि हॉस्टल जो अभी बन रहा है, वह विश्वविद्यालय को हैंडओवर हो जाएगा. तब उन्हें रुपए मिल जाएंगे. घबराने की बात नहीं है. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इसी बीच वह पटना विश्वविद्यालय के वीसी को पैसे की मांग को लेकर पत्र लिखे. उस समय वीसी रास बिहारी सिंह थे.