पटना:आर्ट के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की कमी नहीं है. इस क्षेत्र में कलाकारों की भी कमी नहीं है. न ही ऐसे कलाकारों की कमी है, जिनको अवार्ड मिला (Artist family got many awards ) हो. लेकिन राजधानी में एक ऐसा भी परिवार है, जिसके हर सदस्य को अवार्ड मिला है. इस कलाप्रेमी परिवार में छोटे से लेकर लेकर बड़े तक, यानी हर किसी को अवार्ड से नवाजा गया है. अवार्ड भी ऐसे जिसमें राष्ट्रपति पदक से लेकर बिहार सरकार का सम्मान शामिल है.
ये भी पढ़ेंः3D पेंटिंग से जगमगाएगा राजधानी पटना के छठ घाट, मिथिला पेंटिंग देगा आकर्षक लुक
राजकुमार लाल का है परिवार: राजधानी पटना के निवासी राजकुमार लाल का परिवार, ऐसा परिवार है जो कला का पुजारी है. इस परिवार का हर सदस्य कला की साधना करता है. दरअसल, इस परिवार के तमाम सदस्य मिथिला पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं और इसी मिथिला पेंटिंग के कारण परिवार के तमाम सदस्य को राज्य और देश स्तर पर पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. देश-विदेश के तमाम प्रतिष्ठित प्लेटफार्म, आयोजन में इन लोगों को बुलाया जाता है.
नानी से मिली सीख:दरअसल, इस परंपरा की शुरुआत तब हुई जब राजकुमार लाल की नानी जगदंबा देवी को मिथिला पेंटिंग में पद्मश्री मिला. हालांकि, इसके पहले उनको 1970 में नेशनल अवार्ड मिल चुका था. इसके पांच साल बाद 1975 में जगदंबा देवी को पद्मश्री से नवाजा गया. राजकुमार बताते हैं कि उसके बाद से ही घर में पेंटिंग की परंपरा चल पड़ी. जगदंबा देवी के बाद उनकी बेटी यानी राजकुमार लाल की मां यशोदा देवी ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया और मिथिला पेंटिंग में अपना अलग मुकाम बनाया. मिथिला पेंटिंग में ही उनकी साधना को ही देखते हुए 1986-87 में बिहार सरकार ने उनको राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके बाद 1987 में उनको चेतना समिति पुरस्कार से भी नवाजा गया. 2002 में यशोदा देवी को नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा स्मृति सम्मान भी मिला.
"मुझे गर्व महसूस होता है कि मेरा पूरा परिवार इस कला के क्षेत्र में काफी सम्मान पाया है. हमारी नानी जगदंबा देवी को इस क्षेत्र में पहला पद्मश्री मिला. फिर मेरी मां यशोदा देवी ने इस कला को आगे बढ़ाया. हमलोग हमेशा मिथिला पेंटिंग को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. हमलोग चाहते हैं कि आगे की पीढ़ी भी इस कला के क्षेत्र में आगे आए"-राजकुमार लाल, कलाकार
राजकुमार को भी मिला अवार्ड:खुद राजकुमार लाल को मिथिला पेंटिंग के लिए 2007 में बिहार सरकार की तरफ से पुरस्कृत किया गया. उसके बाद 2012 में राज्य सरकार के कला संस्कृति एवं युवा मामले के विभाग की तरफ से भी सम्मानित किया गया. 2008 और 2009 में मॉरीशस सरकार के बुलावे पर राजकुमार मिथिला पेंटिंग के लिए ही दो बार मॉरीशस भी गए. इसके बाद यूपी सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होते हुए राजकुमार लाल थाईलैंड भी गए और वहां पर भी मधुबनी पेंटिंग के बारे में जानकारी दी.