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Mithila Painting: पटना में मिथिला पेंटिंग के प्रति समर्पित है पूरा परिवार, हर सदस्य को मिला है सम्मान

पटना में एक ऐसा परिवार है जो पूरी तरह से मिथिला पेंटिंग के प्रति समर्पित (A family from Patna devoted to Mithila painting ) है. इस परिवार के हर एक सदस्य को इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कोई न कोई सम्मान से नवाजा गया है. यह परिवार मिथिला पेंटिंग के लिए पद्मश्री पाने वाली जगदंबा देवी का परिवार है. पढ़ें पूरी खबर..

मिथिला पेंटिंग को समर्पित पटना का एक परिवार
मिथिला पेंटिंग को समर्पित पटना का एक परिवार

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Published : Mar 9, 2023, 6:28 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 6:47 PM IST

मिथिला पेंटिंग को समर्पित पटना का एक परिवार

पटना:आर्ट के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की कमी नहीं है. इस क्षेत्र में कलाकारों की भी कमी नहीं है. न ही ऐसे कलाकारों की कमी है, जिनको अवार्ड मिला (Artist family got many awards ) हो. लेकिन राजधानी में एक ऐसा भी परिवार है, जिसके हर सदस्य को अवार्ड मिला है. इस कलाप्रेमी परिवार में छोटे से लेकर लेकर बड़े तक, यानी हर किसी को अवार्ड से नवाजा गया है. अवार्ड भी ऐसे जिसमें राष्ट्रपति पदक से लेकर बिहार सरकार का सम्मान शामिल है.

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राजकुमार लाल का है परिवार: राजधानी पटना के निवासी राजकुमार लाल का परिवार, ऐसा परिवार है जो कला का पुजारी है. इस परिवार का हर सदस्य कला की साधना करता है. दरअसल, इस परिवार के तमाम सदस्य मिथिला पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं और इसी मिथिला पेंटिंग के कारण परिवार के तमाम सदस्य को राज्य और देश स्तर पर पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. देश-विदेश के तमाम प्रतिष्ठित प्लेटफार्म, आयोजन में इन लोगों को बुलाया जाता है.

नानी से मिली सीख:दरअसल, इस परंपरा की शुरुआत तब हुई जब राजकुमार लाल की नानी जगदंबा देवी को मिथिला पेंटिंग में पद्मश्री मिला. हालांकि, इसके पहले उनको 1970 में नेशनल अवार्ड मिल चुका था. इसके पांच साल बाद 1975 में जगदंबा देवी को पद्मश्री से नवाजा गया. राजकुमार बताते हैं कि उसके बाद से ही घर में पेंटिंग की परंपरा चल पड़ी. जगदंबा देवी के बाद उनकी बेटी यानी राजकुमार लाल की मां यशोदा देवी ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया और मिथिला पेंटिंग में अपना अलग मुकाम बनाया. मिथिला पेंटिंग में ही उनकी साधना को ही देखते हुए 1986-87 में बिहार सरकार ने उनको राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके बाद 1987 में उनको चेतना समिति पुरस्कार से भी नवाजा गया. 2002 में यशोदा देवी को नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा स्मृति सम्मान भी मिला.

"मुझे गर्व महसूस होता है कि मेरा पूरा परिवार इस कला के क्षेत्र में काफी सम्मान पाया है. हमारी नानी जगदंबा देवी को इस क्षेत्र में पहला पद्मश्री मिला. फिर मेरी मां यशोदा देवी ने इस कला को आगे बढ़ाया. हमलोग हमेशा मिथिला पेंटिंग को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. हमलोग चाहते हैं कि आगे की पीढ़ी भी इस कला के क्षेत्र में आगे आए"-राजकुमार लाल, कलाकार

राजकुमार को भी मिला अवार्ड:खुद राजकुमार लाल को मिथिला पेंटिंग के लिए 2007 में बिहार सरकार की तरफ से पुरस्कृत किया गया. उसके बाद 2012 में राज्य सरकार के कला संस्कृति एवं युवा मामले के विभाग की तरफ से भी सम्मानित किया गया. 2008 और 2009 में मॉरीशस सरकार के बुलावे पर राजकुमार मिथिला पेंटिंग के लिए ही दो बार मॉरीशस भी गए. इसके बाद यूपी सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होते हुए राजकुमार लाल थाईलैंड भी गए और वहां पर भी मधुबनी पेंटिंग के बारे में जानकारी दी.

पत्नी को भी मिला अवार्ड:अवार्ड का सिलसिला यहीं तक नहीं रुका है बल्कि राजकुमार लाल की पत्नी विभा लाल को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. कला के क्षेत्र में विशेष रूप से मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए विभा लाल को 2019 में सम्मानित किया गया. इसके पहले 2014 में उनको बिहार कला पुरस्कार और 2009 में राज्य पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.


"2006 में मेरी शादी हुई. उसके बाद जब मैं यहां आई तो अपनी सास यशोदा देवी को पेंटिंग करते देख प्रेरणा मिली और मैं भी यह काम करने लगी. वैसे पहले भी मैं पेंटिंग बनाती थी, लेकिन शादी के बाद इसमें और ज्यादा निखार आया" -विभा लाल, कलाकार

राजकुमार के मामा और बहने भी हुई हैं सम्मानितः राजकुमार लाल के कलाप्रेमी परिवार में पुरस्कार मिलने की श्रृंखला यहीं तक नहीं है, बल्कि राजकुमार लाल के मामा सत्यनरायण लाल कर्ण और उनकी पत्नी मोती कर्ण को 2002-03 में राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. जबकि उनके छोटे मामा जय नारायण लाल दास को 2003 में दिल्ली सरकार की तरफ से राज्य पुरस्कार जबकि 2008 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. वहीं छोटे मामा कमल नारायण कर्ण को भी 2009-10 में उनकी पत्नी सविता कर्ण के साथ बिहार सरकार के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. राजकुमार लाल की बहन सुरेखा दास को भी परिवार की ऐसी मेंबर हैं, जिनको 2009-10 में मिथिला पेंटिंग के लिए ही राज्य पुरस्कार मिल चुका है.

आगे बढ़ती रहे कला: राजकुमार की पत्नी विभा लाल कहती हैं कि उन्हें कृष्ण के ऊपर आधारित मिथिला मधुबनी पेंटिंग के लिए अवार्ड मिला था. जबकि राजकुमार लाल की बहन सुरेखा को रास सीरीज के तहत पेंटिंग की थी, जिसके लिए उनको अवार्ड से नवाजा गया था. खुद राजकमार कहते हैं कि आर्ट किसी सीमा का मोहताज नहीं होता. उनकी कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कला को जाने.

नई पीढ़ी भी विरासत को आगे बढ़ा रहीःऐसा नहीं है कि केवल इस परिवार में बड़े लोगों को ही अवार्ड मिला है बल्कि अब नई पीढ़ी भी बखूबी अपनी कला की धमक दिखा रही है. राजकुमार लाल की बड़ी भांजी प्रिया दास को जहां स्टेट का अवार्ड मिल चुका है. वहीं छोटी भांजी स्नेहा दास को मेरिट अवार्ड से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा भांजे अमन और हर्ष को कला के क्षेत्र में ही भारत सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप भी मिल चुका है. जबकि खुद राजकुमार लाल के बेटे रोहित को भी भारत सरकार की तरफ से सीसीआरटी स्कॉलरशिप मिल चुका है.

"रास सीरीज के तहत पेंटिंग बनाने को लेकर मुझे स्टेट अवार्ड मिला. मैं चाहूंगी कि इस पेंटिंग से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े और अगली पीढ़ी तक यह जाए"-सुरेखा दास, कलाकार

Last Updated : Mar 9, 2023, 6:47 PM IST

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