पटना: बिहार के संदिग्ध 91 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teachers) की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. शिक्षा विभाग (Education Department) ने 21 जून से 20 जुलाई तक का वक्त बिहार के ऐसे करीब 91 हजार नियोजित शिक्षकों को दिया था, जिनके फोल्डर निगरानी (Vigilance) को जांच के दौरान नहीं मिले. इस बात की आशंका है कि यह तमाम शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं और यही वजह है कि यह अपने डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं करा पाए.
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ऐसे सभी शिक्षकों को 20 जुलाई तक अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने का मौका शिक्षा विभाग ने दिया था. शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 20 जुलाई के बाद कोई समय सीमा नहीं बढ़ेगी. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई तक महज 65 हजार शिक्षकों ने अब तक अपने फोल्डर अपलोड किए हैं. जबकि कुल संदिग्ध शिक्षकों की संख्या 91 हजार से ज्यादा है.
इधर, बड़ी संख्या में शिक्षक आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कई शिक्षकों के नाम या उनके विभिन्न सर्टिफिकेट पर किसी न किसी तरह की त्रुटि है, जिसे दूर करने में समय लगेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग को कम से कम एक हफ्ते या 10 दिन का समय शिक्षकों को और देना चाहिए, लेकिन शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब और मौका किसी भी हाल में नहीं मिलेगा.