पटनाः कला एवं शिल्प महाविद्यालय के 82वां स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया. कला एवं शिल्प महाविद्यालय के प्राचार्य अजय पांडे ने बताया कि प्रत्येक वर्ष संस्था के छात्रों द्वारा बनाई जाने वाली विभिन्न कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाता है. लंबे समय तक प्रदर्शनी चलती है. कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष काफी कम समय के लिए प्रदर्शनी लगाई गई है.
खूबसूरत प्रतिमाओं, पेंटिंग का बेहतरीन इंस्टॉलेशन काफी वक्त से नहीं हुआ था कार्यक्रम
कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण लंबे समय से सभी सांस्कृतिक गतिविधियां और शैक्षिक संस्थान बंद पड़े हुए थे. कोरोना काल में ही सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पटना के कला एवं शिल्प महाविद्यालय में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कला एवं शिल्प महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष विभिन्न विषयों पर आधारित प्रदर्शनी का कई बार आयोजन किया जाता है. लेकिन करीब 9 महीनों से इस तरीके का आयोजन नहीं किया गया था.
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विभिन्न विषयों को दर्शाया
इस बार प्रदर्शनी में देश और समाज के विभिन्न विषयों का वर्णन करते हुए चित्र मूर्ति, छापा चित्र एवं फोटोग्राफी विधा को प्रदर्शित किया गया है. देश में चल रहे विभिन्न मुद्दों और घटनाओं को छात्रोंने अपने कलाकृतियों के माध्यम से समाज को बताने और जोड़ने की कोशिश की है. कलाकार अपने भावनाओं को अपनी कलाकृतियां के माध्यम से बताते हैं और दिखाते हैं.
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संदेश देती हुई बनायी कलाकृति
आपको बता दें कि छात्रों द्वारा देश में चल रहे किसान आंदोलन को भी अपनी कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया है. वहीं सबसे खास इंस्टॉलेशन आर्ट को भी छात्रों ने दर्शाया है. छात्रों ने अपनी कलाकृति के माध्यम से दर्शाया है कि किस तरीके से आज के समय में सबसे अधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल लोग कर रहे हैं. जो हमें दूर रह रहे लोगों से रूबरू तो करवा रहा है, लेकिन जो लोग हमारे पास हैं उनसे दूर करता जा रहा है.
मोबाइल के फायदे नुकसान को बताता इंस्टॉलेशन आर्ट