पटना: लॉक डाउन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर हुआ है. बंदी में सभी कल-कारखाने बंद हैं. रोजगार छिन जाने के बाद कई मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे. इसी क्रम में पटना पुलिस ने 21 नेपाली नागरिकों को जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड इलाके से हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए सभी नेपाली नागरिक सासाराम स्थित एक कॉस्मेटिक कंपनी में मार्केटिंग का काम किया करते थे. लॉक डाउन में कंपनी बंद हो गई. जिसके बाद सभी ने पैदल ही नेपाल वापस जाने का निर्णय लिया.
तीन दिनों की पैदल यात्रा कर पटना पहुंचे 21 नेपाली युवक, भेजे गए क्वॉरेंटाइन सेंटर
इस मामले पर जक्कनपुर थाना प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि 21 नेपाली युवकों को हिरासत में लिया गया था. सभी लोगों का हेल्थ चेकअप मेडिकल टीम के जरिए करवाया गया. फिलहाल सभी लोगों को पास के राहत शिविर में भेज दिया गया है.
3 दिन पैदल चल पहुंचे थे पटना
पुलिस हिरासत में लिए गए नेपाली नागरिकों ने बताया कि वे 3 दिनों तक लगातार सड़कों पर पैदल चलकर पटना पहुंचे हैं. वे सासाराम के एक कॉस्मेटिक कंपनी में मार्केटिंग का काम किया करते थे. लॉकडाउन में उनकी कंपनी का संचालन ठप हो गया. इसके बाद उनको वेतन राशि मिलना बंद हो गया. पैसे खत्म होने के कारण उनके समक्ष खाने पीने की समस्या उत्पन्न होने लगी थी. जिसके बाद उन्होंने सासाराम से नेपाल पैदल तय करना का फैसला लिया. इसी कड़ी में बुधवार की रात वे पटना पहुंचे. जहां पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया.
ईटीवी भारत टीम ने की मदद
तीन दिनों से पैदल चलने के कारण एक नेपाली युवक समीर को रास्ते में एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. कुत्ते के काटने की वजह से युवक काफी गंभीर रूप से घायल था. ईटीवी भारत की टीम ने घायलों की मदद करते हुए उन्हें डिटॉल और एंटीबायोटिक की सुई दिलवाई. जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिली. ईटीवी भारत की इस पहल के बाद घायल नेपाली युवक समीर और प्रोवीसी ने ईटीवी भारत संवाददाताओं को धन्यवाद बोला. वहीं, इस मामले पर जक्कनपुर थाना प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि 21 नेपाली युवकों को हिरासत में लिया गया था. सभी लोगों का हेल्थ चेकअप मेडिकल टीम के जरिए करवाया गया. फिलहाल सभी लोगों को पास के राहत शिविर में भेज दिया गया है.