पटना: पटना के बाईपास स्थित एक निजी नर्सिंग होम में 18 वर्षीय युवती के ओवरी से 2 किलो का ट्यूमर निकालकर उसकी जान बचाई गई है. फोर्ड हॉस्पिटल में यूरोलॉजी, गाइनेकोलॉजी और जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने मिलकर इस सर्जरी को अंजाम दिया है. वहीं ट्यूमर को निकालकर कैंसर को आगे बढ़ने से रोका है. लड़की नालंदा जिले की रहने वाली है जो पिछले 3-4 साल से पेट की दर्द और कई तरह की समस्याओं से जूझ रही थी. डॉक्टरों की माने तो कुछ दिनों पूर्व नालंदा जिले के एक निजी अस्पताल में उसका सर्जरी भी किया गया लेकिन उसे आराम नहीं मिला.
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ओवरी में था ट्यूमर: फोर्ड अस्पताल प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि पिछले 5-6 महीने से लड़की का पेट काफी फूलने लगा था. इतनी लंबी बीमारी के बाद लड़की को पेशाब करने में भी दिक्कत शुरू हो गई थी. कुछ दिनों पूर्व अस्पताल में जब लड़की एडमिट हुई तो उसका अल्ट्रासाउंड किया गया. जब रिपोर्ट आई तो डॉक्टर हैरान हो गए. लड़की के बाएं तरफ की ओवरी में ट्यूमर मिला और यह ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था लड़की का किडनी भी प्रभावित हो रहा था.
2 किलो का था ट्यूमर:अस्पताल प्रबंधन की माने तो लड़की की इस समस्या को देखते हुए यूरोलॉजिस्ट डॉ. नितेश और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. तन्वी राज ने सर्जरी करने का निर्णय लिया. जेनरल सर्जरी टीम के डॉ. प्रभात रंजन और डॉ. आलोक के साथ मिलकर इस दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया. ऑपरेशन के दौरान लड़की के यूरेटर में स्टंट डाला गया ताकि उसकी किडनी, आंत और आसपास के अन्य अंगों को चोट न आए और यूरेटर सुरक्षित रहे. ऑपरेशन करके जब यह ट्यूमर निकाला गया तो पता चला कि यह ट्यूमर दो किलोग्राम का था. इस ऑपरेशन में मरीज के बाईं तरफ की ओवरी भी निकालनी पड़ी.
क्या कहते हैं डॉक्टर: इस सर्जरी टीम की इंचार्ज डॉ. तन्वी ने बताया कि ट्यूमर को बायोप्सी जांच के लिए भेजा गया है और इसमें कैंसर की भी संभावना है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चल जाता है तो इलाज में आसानी हो जाती है और मरीज कम समय में ही ठीक हो जाता है. मरीज की उम्र कम है तो ठीक तरीके से इलाज के जरिए कैंसर से रिकवरी की काफी उम्मीदें हैं.
"अगर यह कैंसर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंच जाता तो उबरना काफी मुश्किल होता. फिलहाल लड़की को पहले से काफी आराम है और स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है."-डॉ. तन्वी