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विश्व मृदा दिवस 2022: नवादा में कृषि शाखा में किसानों के साथ कार्यशाला का आयोजन

नवादा में विश्व मृदा दिवस (World Soil Day in Nawada) के अवसर पर किसानों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इस कार्यशाला में डीजीएम गया जोरा सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन एवं रीजनल मैनेजर नालंदा साधन कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. आगे पढ़ें पूरी खबर...

नवादा में विश्व मृदा दिवस
नवादा में विश्व मृदा दिवस

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Published : Dec 5, 2022, 1:44 PM IST

नवादा: बिहार के नवादा में विश्व मृदा दिवस पर एसबीआई के कृषि शाखा (SBI Agriculture Branch in Nawada) में किसानों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में डीजीएम गया जोरा सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन एवं रीजनल मैनेजर नालंदा साधन कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान पदाधिकारियों को गुलदस्ता और शॉल देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यशाला में पदाधिकारी किसानों की समस्या से रूबरू हुए. उसके बाद किसानों के उत्थान के लिए बैंक द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी दी गई.

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खेती का पैटर्न बदलना है जरूरी: डीजीएम जोरा सिंह ने विश्व मृदा दिवस पर मिट्टी की सुरक्षा कैसे हो इस पर चर्चा की. साथ ही बैंक के द्वारा किसानों के लिए चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि किसान का विकास होगा, तभी देश का विकास संभव है. किसान खेती के पैटर्न को बदलें सिर्फ गेहूं और धान की फसल पर आश्रित नहीं रहे. इसके साथ सब्जियां, मशरूम आदि फसल भी लगाएं. किसानों को अन्य व्यवसाय से भी जुड़ना चाहिए ताकि वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सके.

"किसान का विकास होगा, तभी देश का विकास संभव है. किसान खेती के पैटर्न को बदलें सिर्फ गेहूं और धान की फसल पर आश्रित नहीं रहे. इसके साथ सब्जियां, मशरूम आदि फसल भी लगाएं. किसानों को अन्य व्यवसाय से भी जुड़ना चाहिए ताकि वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सके."-जोरा सिंह,डीजीएम

पानी की हुई कमी: विश्व मृदा दिवस पर मिट्टी की सुरक्षा के साथ ही पानी के स्तर पर भी बात की गई. बढ़ते समय के साथ जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है जो आने वाले समय में काफी परेशानी का सबब बन जाएगा. डीजीएम किसानों से बात करते हुए जलस्तर जैसे अहम मुद्दे पर भी रौशनी डाली उन्होंने कहा कि जून में धान रोपन के समय में 150 नीचे तक जिले में पानी मौजूद नहीं था. इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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