नवादा: ईटीवी भारत का खबर का असर एक बार फिर से देखने को मिला है. पिछले चार साल से लापता उपेन्द्र चौहान ईटीवी भारत की मदद से अपने परिजनों से मिला. उपेन्द्र के मिलने से परिजनों के आखों में खुशी के आंसू निकल आए. यहां तक कि लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी कहा.
उपेन्द्र चौहान बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव के रहने वाला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले इलाज के दौरान उनका बेटा उपेंद्र चौहान घर से लापता हो गया था. जिसके बाद काफी खोजबीन भी की गई. लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला. बता दें कि उपेन्द्र मानसिक रोग से बिमार हैं.
कैसे मिले परिजन
ईटीवी भारत ने इस संबंध में 19 दिसंबर को खबर प्रकाशित की थी. हमने बताया था कि झारखंड के सिमडेगा के सदर अस्पताल में करीब एक महीने से एक विक्षिप्त युवक का इलाज किया जा रहा है. जिसकी वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी पूरे सेवाभाव के साथ कर रही हैं. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष किरण चौधरी ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लिया और रांची के मानवाधिकार कार्यकर्ता मुन्नू शर्मा ने उपेंद्र चौहान के परिजनों को ढूंढने का बीड़ा उठाया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव में उपेंद्र के परिजनों को ढूंढ निकाला. उपेंद्र के परिजनों को जब खोए बेटे की जानकारी मिली तो वे तुरंत सिमडेगा आ गए.
ईटीवी भारत की पहल की लिए उपेन्द्र के परिजनों, सदर अस्पताल के डॉक्टरों, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष और मानवाधिकार टीम ने तहे दिल से धन्यवाद दिया है. ईटीवी भारत ने एक बार फिर ये साबित किया है कि आपके सरोकार हमारे लिए सर्वोपरि हैं.
मां के छलक उठे आंसू
उपेंद्र चौहान की मां दशोदा देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके बेटे को मानसिक रोग है, जिसका इलाज किया जाना है. उपेन्द्र के लापता होने के बाद उन्होंने उसे तलाशने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला. उपेंद्र के पिता गरीबन चौहान ने कहा कि उपेन्द्र अपनी बीमारी की वजह से कुछ साफ नहीं बता पाता था इसलिए उसे ढूंढ पाना मुश्किल था. चार साल इंतजार के बाद उनकी उम्मीदें क्षीण होने लगी थी लेकिन ईटीवी की खबर से उनका बेटा उन्हें वापस मिल गया. गरीबन ईटीवी भारत और सिमडेगा की धरती को इसके लिए बार बार धन्यवाद देते रहे. उन्होंने ये भी कहा कि सिमडेगा की इस पावन भूमि ने उन्हें उनका बेटा लौटाया है, इसे वे पूरी जीवन भूल नहीं पाएंगे.