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'शीघ्र पुर्नवास की व्यवस्था करने की मांग, पूरी नहीं होने पर आंदोलन की धमकी'

नवादा में वन विभाग ने 30 वर्षों से रह रहे अनुसूचित जनजाति के 11 घरों को वन विभाग की जमीन से हटा दिया है. इसको लेकर पीड़ित परिवार आंदोलन करने की बात कह रहे हैं.

नवादा
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Published : Jul 18, 2020, 8:00 AM IST

नवादा: जिले के रजौली प्रखंड के धमनी पंचायत के चफेल गांव में वन विभाग की जमीन पर बसे 11 महादलित परिवार के घरों को वन विभाग ने हटा दिया है. इन परिवारों का कहना है कि सरकार शीघ्र पुनर्वास की व्यवस्था सरकार करें, नहीं तो आंदोलन होगा.

राष्ट्रीय जनता दल के झुग्गी झोपड़ी के प्रदेश सचिव दीपक कुमार रजक ने बताया कि वन विभाग की जमीन पर महादलित परिवार लगभग 30 वर्षों से अनुसूचित जनजाति के 11 घरों के लोग रह रहे थे. बिना जमीन की व्यवस्था किए सभी को हटाया गया है. कुछ लोगों को रहने के लिए रजौली प्रशासन की ओर से प्लास्टिक की व्यवस्था की गई है. खाने पीने की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है. प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. सभी लोगों के बीच भुखमरी की स्थिति बनी हुई है.

वन विभाग ने खाली करवाई जमीन.

'आंदोलन होगा'

प्रशासन के तरफ हटा दिए जाने के बाद से अनुसूचित परिवार के लोग बाहर काम करने नहीं जा रहे हैं. 5 सदस्य टीम ने इन समस्याओं को लेकर नवादा के डीएम को ज्ञापन भी दिया. उस ज्ञापन में मांग किया गया है कि सभी दलित परिवारों को 5 डिसमिल जमीन और घर बनाकर शीघ्र नहीं दिया गया, तो आंदोलन होगा.

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