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वारिसलीगंज चीनी मिल नहीं होगी शुरू, मिल की जमीन पर लगेगा दूसरा उद्योग: सुशील मोदी - किसान पंचायत

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वारिसलीगंज में बंद चीनी मिल चालू करवाना सरकार के वश में नहीं है. क्योंकि किसी भी उद्योग को चलाने के लिए सरकार सिर्फ नीति बनाती है. उद्योगपति उद्योग स्थापित करते हैं. इस मिल को पुनः स्थापित करने के लिए बिहार सरकार ने तीन बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन कोई उद्योगपति चीनी मिल चलाने को तैयार नहीं हुआ.

Sushil modi
सुशील मोदी

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Published : Dec 22, 2020, 11:05 PM IST

नवादा:बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को कहा कि वारिसलीगंज चीनी मिल शुरू नहीं होगा. मिल की जमीन पर दूसरा उद्योग लगेगा.

वारिसलीगंज जिला परिषद डाक बंगला मैदान में भाजपा द्वारा आयोजित किसान पंचायत सह नागरिक आभार समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वारिसलीगंज में बंद चीनी मिल चालू करवाना सरकार के वश में नहीं है. क्योंकि किसी भी उद्योग को चलाने के लिए सरकार सिर्फ नीति बनाती है.

उद्योगपति उद्योग स्थापित करते हैं. इस मिल को पुनः स्थापित करने के लिए बिहार सरकार ने तीन बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन कोई उद्योगपति चीनी मिल चलाने को तैयार नहीं हुआ. अब मिल की जमीन पर कंपनी कृषि उत्पाद आधारित उद्योग स्थापित करेगी. राज्य सरकार उसे 30 फीसदी तक अनुदान देगी.

सुशील कुमार मोदी

गिनाए सरकार के काम
सुशील मोदी ने वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के लोगों को अरुणा देवी को जीताने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब के बेटा हैं. वह गरीब और किसान विरोधी नहीं हो सकते.

अगले 5 साल में हाथीदह से गंगा का पानी बोधगया, गया, नवादा और राजगीर तक पहुंचाने के लिए 2836 करोड़ रुपए की लागत से 190 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का भागीरथी प्रयास नीतीश कुमार ने शुरू कर दिया है. प्रत्येक 10 पंचायतों पर एक पशु चिकित्सालय या मोबाइल बैन से चिकित्सक गांव-गांव जाकर सेवा प्रदान करें इस योजना पर काम चल रहा है.

किसानों को फसल का पैसा क्रय केंद्र में बिक्री के 72 घंटे बाद बैंक खाते में भेजने की सरल प्रक्रिया शुरू की गई है. अब बिना अपडेट भूमि रसीद या एलपीसी के भी किसान धान बिक्री कर सकेंगे. बड़े शहरों में विद्युत शवदाहगृह बनाने, सिंचाई के लिए हर खेत तक बिजली पहुंचाने, यूरिया की कालाबाजारी पर शख्ती के साथ लागत मूल्य कमकर किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है.

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