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शहीद चंदन के परिजनों से मिले नवादा सांसद, कहा- 'CM नीतीश का न आना शर्मिंदगी की बात' - martyr in Nawada

RLJP MP Chandan Singh: आरएलजेपी सांसद चंदन सिंह ने शहीद चंदन कुमार के परिजनों से मुलाकात के बाद बिहार सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये शर्मिंदगी की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक शहीद के परिजनों से मिलने के लिए नवादा नहीं आए हैं.

आरएलजेपी सांसद चंदन सिंह
आरएलजेपी सांसद चंदन सिंह

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 10:10 AM IST

आरएलजेपी सांसद चंदन सिंह

नवादा:आरएलजेपी सांसद चंदन सिंह ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकवादी घटना में शहीद चंदन कुमार के परिजनों से भेंट की और ढांढस बंधाया. उन्होंने शहीद के पैतृक गांव नारोमुरार चंदन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांंजलि दी. साथ ही उनके पिता को आर्थिक मदद भी दी.

शहीद के परिजनों से मिले सांसद:नवादा सांसद ने शहीद के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में चंदन के पिता मौलेश्वर सिंह को 5 लाख रुपये का चेक प्रदान किया. स्थानीय सांसद ने कहा कि मां भारती के सपूत चंदन कुमार के शहीद होने से मैं काफी मर्माहत हूं. वह सिर्फ नवादा और वारिसलीगंज का बेटा नहीं, बल्कि पूरे देश का सपूत था. बिहार सरकार को भी शहीद के परिवार से मिलकर मदद करनी चाहिए.

नवादा सांसद ने शहीद को श्रद्धांजलि दी

'नीतीश कुमार को आना चाहिए था':बिहार सरकार की ओर से किसी के शहीद चंदन के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं पर नवादा सांसद ने दुख जाहिर किया. साथ ही कहा कि यह बेहद ही शर्मिंदगी की बात है कि न तो मुख्यमंत्री खुद आए और न ही उनका कोई मंत्री आया. चंदन सिंह ने कहा कि जिस तरह योगी की सरकार उत्तर प्रदेश में शहीदों के परिजनों को सहायता राशि और सरकारी नौकरी देती है. उसी तरह सीएम नीतीश कुमार को भी शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान करना चाहिए.

"ये शर्मिंदगी की बात है कि बिहार सरकार की ओर से शहीद के परिजन से मिलने कोई नहीं आया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आना चाहिए था. सेना की कोई जाति और धर्म नहीं होता. वह देश के लिए शहीद हुए हैं"- चंदन कुमार सिंह, आरएलजेपी सांसद, नवादा

21 दिसंबर को शहीद हुए थे चंदन:याद दिलाएं कि जवान चंदन 21 दिसंबर 2023 को शहीद हुए थे. शहादत के बाद 25 दिसंबर को उनका पार्थिव शरीर गया एयरपोर्ट पर आया था. वहां से उनके गांव जाने के क्रम में पुलिस लाइन नवादा के पास सांसद चंदन पहुंचे थे. तब ग्रामीण युवाओं ने सांसद के खिलाफ नारेबाजी किया था. आलम ये कि हुरदंग के भय से सांसद उनके गांव नहीं पहुंच सके थे. उस घटना के 15 दिनों बाद सांसद पहुंचे.

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