नवादाः बिहार में सीएम पद के लिए तेजस्वी यादव के बाद एक और दावेदार का नाम सामने आया है. तीसरा कोई और नहीं बल्कि युवा नेता चिराग पासवान हैं, जो बिहार की बदहाली खत्म करने का काम करेंगे. यह दावा रालोजपा रामविलास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने किया. अरुण कुमार शनिवार को नवादा में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. 10 दिसंबर को होने वाले जन संवाद कार्यक्रम कार्यक्रम की तैयारी को लेकर नवादा पहुंचे थे.
"बिहार अति बदहाली की दौर से गुजर रहा है. जिस बदहाली को दूर करने चिराग पासवान से बड़ा कोई विकल्प नहीं हो सकता. चंद्रगुप्त की तरह बिहार की बदहाली दूर करने चिराग पासवान को जन-समर्थन से बिहार का मुख्यमंत्री बनना ही एक विकल्प हो सकता है. इसके लिए बिहार के सभी प्रमुख जिलों में जन- संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं."-डॉ. अरुण कुमार, सांसद सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, LJPR
10 नवंबर को नवादा में जनसंवादः इस दौरान अरुण कुमार ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 10 दिसंबर को नवादा के आईटीआई मैदान में लोजपा (रामविलास ) और लोक सेवक रामविलास वैचारिक पासवान स्मृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सहित पार्टी के सभी कादावर नेता शामिल होंगे.
'नीतीश कुमार का दिमाग खराब':अरुण कुमार ने इस दौरान सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों तथा कुछ नेताओं द्वारा दवा खिलाकर नीतीश कुमार का दिमाग खराब किया जा रहा है. इसका प्रमाण विधानसभा में महिलाओं के प्रति दिए गया बयान प्रमाण है. बिहार में घटित घटना में सीएम पीड़ितों के आंसू पोछने नहीं जाते हैं, लेकिन चिराग शराब से मौत, दुर्घटना में मौत, विषाक्त भोजन से मौत मामले में पीड़ितों से मिलकर सहायता करते हैं.
'नव उत्थान के लिए चिराग जरूरी': अरुण ने कहा कि कदावर नेता जॉर्ज फर्नांडिस साहब के कहने पर 14 साल अपनी जवानी लगाकर नीतीश को बिहार में स्थापित किए, लेकिन वे भ्रष्टाचारियों की गोद में आकर बिहार को बदहाल कर चुके हैं. जरूरी है कि हम सभी मिलकर चिराग पासवान को बिहार के नव उत्थान के लिए स्थापित करें. उन्होंने कहा कि हर हाल में इस बार भी नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. इस अवसर पर वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवकुमार युवा नेता ऋतुराज तथा प्रधान महासचिव संजय पासवान, युवा नेत्री खुशबू कुमारी, चंदन भारद्वाज, अनिल कुमार, इंद्रदेव कुशवाहा सहित दर्जनों नेता उपस्थित थे.
घनानंद से नीतीश की तुलना क्यों?चंद्रगुप्त मौर्य बिहार के सुमार योद्धा थे, जिन्होंने बिना युद्ध किए ईरान और अफगानिस्तान तक शासन किया. इन्होंने मोर्य राजवंश की स्थापना की और समाज को एक साथ जोड़ने में सफल रहे. नीतीश कुमार अपने काम के कारण चाणक्य के रूप में जाने जाते हैं. अपनी राजनीतिक जीवन को लेकर नीतीश कुमार चाणक्य से चंद्रगुप्त बनने की राह पर हैं, लेकिन बिहार में बढ़ते हिंसा को देखते हुए LJPR ने घनानंद की उपाधि दी.