नवादाः प्रदेश की सरकार दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना चाहती है. जिसको देखते हुए कई जगहों पर दुग्ध शीतक केंद्र व डेयरी खोली गई है. इसी सिलसिले में नवादा जिला में भी दुग्ध शीतक केंद्र खोला गया.
मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अंतर्गत जिले के गोनवां में संचालित जिले का एकलौता दुग्ध शीतक केंद्र इन दिनों मैनपॉवर की कमी के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रही है. जहां कम से कम पांच स्टॉफ या फिर प्रखंडवार कर्मी की आवश्यकता है. वहां महज दो कर्मी के मेहनत से यह संचालित हो रही है. जिसपे ध्यान देने की जरूरत है.
दुग्ध शीतक केंद्र
वाकई में अगर जनप्रतिनिधि व सरकार नवादा में विकास की बयार बहाना चाहती है, तो नवादा में एक डेयरी का स्थापना करवा दे. जिससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि यहां के लोगों के लिए भी रोजगार का अवसर खुलेगा. जिसकी जरूरत नवादा जैसे शहरों के लिए अतिआवश्यक है. डेयरी का यूनिट लगा दी जाए तो यहां के किसान काफी लाभान्वित होंगे.
10 हजार लीटर दूध का संग्रहण
फिलहाल, नवादा में प्रतिदिन करीब 10 हजार लीटर दूध का संग्रहण हो जाता है. बावजूद यहां के दूध शीतक कर गया भेजा जाता है और फिर वहां से पैकेजिंग होकर नवादा आती है या यहां के लोगों को नालंदा पर निर्भर रहना पड़ता है.
पशु आहार की लगाई जाए फैक्टरी
वहीं, पर्यवेक्षक का कहना है कि अगर मवेशियों में दूध की गुणवत्ता बढ़ाने वाले पशु आहार की फैक्टरी लगा दी जाए तो यहां के किसानों को सस्ते में समान मिल जायेंगे. किसानों के लिए दुग्ध उत्पादन के तकनीकों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना कर दी जाए, तो जहां दूध की उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों को इससे काफी फायदे भी होंगे.