नवादा: इन दिनों कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचाया हुआ है. इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में पीएम मोदी ने लॉकडाउन जारी करने का आदेश दिया था. लॉकडाउन के वजह से देश में लगभग सभी यातायात के साधन एक साथ ठप हो गए. कल-कारखाने समेत कई अन्य कार्य भी बंद हो गए. ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों के सामने एक विपदा आन पड़ी. मजदूरों के भोजन पर भी आफत आ गई. ऐसे में जिला प्रशासन ने मजदूरों के हित में कदम उठाते हुए आईटीआई स्थित संयुक्त श्रम विभाग के नवनिर्मित भवन में 100 बेडों का राहत कैंप बनवाया. कैंप में मजदूरों और बेसहारों के लिए मुफ्त में भोजन, मेडिकल और आवास की व्यवस्था की गई है.
बेसहारों के लिए नवादा प्रशासन ने बनाया 100 बेडों का राहत कैंप
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में एहतियात के तौर पर लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा दंश दिहाड़ी मजदूर उठाना पर रहा है. मजदूरों की परेशानी को देखते हुए नवादा जिला प्रशासन ने 100 बेडों का एक राहत कैंप बनवाया है. कैंप में मजदूरों के लिए मुफ्त में भोजन, मेडिकल और आवास की व्यवस्था की गई है.
जिला प्रशासन का कदम सराहनीय- मजदूर
राहत कैंप में ठहरे हुए एक मजदूर सुनील ने बताया कि वह कोलकाता में रह कर मजदूरी करता था. लाॉकडाउन के बाद काम मिलना बंद हो गया. इस वजह से वह अपने घर के लिए निकाला था. पिछले 4 दिन से सफर पर था. आज भोजन करने का मौका मिला है. मजदूरों ने बताया कि यहां पर सभी सुविधाएं मौजूद है. जिला प्रशासन ने काफी बेहतरीन व्यवस्था की है. इसलिए वे सरकार और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हैं.
बीडीओ खुद से कर रहे मॉनिटरिंग
इस मामले पर नवादा सदर प्रखंड क्षेत्र के बीडीओ कुमार शैलेन्द्र ने बताया कि जिले की डीएम के आदेश पर आईटीआई स्थित संयुक्त श्रम विभाग के नवनिर्मित भवन में 100 बेडों का राहत कैंप बनाया गया है. राहत कैंप में मजदूरों के लिए सभी जरूरी व्यव्स्थाएं की गई है. तत्काल 100 बेड की व्यवस्था की गई है. सुरक्षा के मद्देनजर साबुन और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है. मेडिकल जांच के लिए पीएचीसी के स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है. फिलहाल कैंप में 36 लोग ठहरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मजदूरों की संख्या बढ़ने पर आगे डीएम के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी.