नवादा: जिले के सदर अस्पताल में कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का नया मामला सामने आ रहा है. हालांकि कहने को तो यह सरकारी अस्पताल है. लेकिन यहां पर सफाईकर्मी से लेकर अन्य सभी कर्मी बिना पैसे के कोई काम करने को तैयार नहीं होता है. वर्तमान समय में अस्पताल में आलम ये है कि कर्मियों को अब ना तो किसी अधिकारी का खौफ है और ना ही किसी जनप्रतिनीधि का डर.
ताजा घटनाक्रम रविवार का है, जहां इमरजेंसी वार्ड में ड्रेसिंग के लिए एक मरीज के परिजन से अस्पताल कर्मियों ने 500 रुपये की मांग की. हैरत की बात ये है कि जब इस मामले में नगर परिषद की चेयरमैन पूनम कुमारी ने दखल दिया तो अस्पताल कर्मी उल्टे चेयरमैन से ही सवाल-जबाव करने लगे.
'ड्रेसिंग के लिए मांगा जा रहा था पैसा'
घटना के बारे में पीड़ित मरीज के परिजनों ने बताया कि मैं मुफसिल थाना क्षेत्र का निवासी हूं. यहां पर अपने पत्नी कालो देवी का इलाज करवा रहा हूं. वह मारपीट के मामले में घायल हो गई थी और फिलहाल वह इमरजेंसी वार्ड में इलाज करा रही है. इसी दौरान जब अस्पताल के कर्मी को घाव का पट्टी बदलने के लिए कहा तो अस्पताल के कर्मियों ने 500 रुपये की मांग की.
वहीं, इस मामले में नगर परिषद चेयरमैन पूनम कुमारी ने कहा कि वह अपने ससुर का इलाज कराने के लिए अस्पताल में आई हुई थी. जब अस्पताल कर्मी पैसे की मांग को लेकर परिजनों से उलझा हुआ था. तो मैंने इस मामले में अस्पताल कर्मी से पूछा कि किस बात के पैसे? इस बात पर वो बिफर गया और उल्टा मुझसे ही सवाल-जवाब करने लगा.
'सीएस से करूंगी शिकायत'
नगर परिषद चेयरमैन पूनम कुमारी ने बतयाा कि वे इस मामले में सिविल सर्जन और डीएम समेत जिले के वरीय अधिकारियों को शिकायत करेंगी. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में लोगों का इलाज बिना पैसे का नहीं होता है. अस्पताल के कुछ कर्मी के कारण सदर अस्पताल का नाम बदनाम हो रहा है. अगर इस मामले में जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगी, तो वह इसकी शिकायत सीएम नीतीश कुमार से भी करेंगी.