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सफाई कर्मियों ने निजीकरण नीति का किया विरोध, काला बिल्ला लगाकर कर रहे प्रदर्शन

बिहार में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सफाई कर्मियों की ओर से 7 और 8 अगस्त को राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Opposition to privatization policy
नीजिकरण नीति का विरोध

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Published : Aug 8, 2020, 7:04 PM IST

नवादा: सरकारी संपति को पूंजीपतियों के हाथों बेचे जाने के खिलाफ अखिल भारतीय दो दिवसीय विरोध दिवस मनाया जा रहा है. इसके तहत बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नवादा संबद्ध ऐक्टू के बैनर तले सरकार विरोधी नारे लगाए गए. कर्मचारियों ने भारत बचाओ, संविधान बचाओ और मजदूर बचाओ रोजगार बचाओ के नारे लगाए.

कर्मियों की मांग है कि सभी सफाई कर्मियों को हर महीने की 5 तारीख को वेतन की गारंटी दें और कोविड-19 के समय काम कर रहे मजदूरों को वेतन के समतुल्य वेतन दिया जाए. साथ ही सुरक्षा किट और 50 लाख रुपये बीमा देने की मांग की गई.

सफाई कर्मियों ने किया प्रदर्शन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष डॉ. अरविंद दास ने कहा कि नगर विकास और आवास विभाग बीजेपी कोटे के मंत्री सुरेश शर्मा की मनमानी पर उनका विरोधी चेहरा खुलकर सामने आया है. इतना ही नहीं बल्कि यह नगर निकायों को आउट सोर्सींग कर ठेकेदारों के हाथों लूटाने की खुली छुट दी है. उन्होंने कहा कि नगर विकास में जो राशि खर्च होना चाहिए उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाए. जिससे शहर को स्वच्छ बनाया जा सके. कर्मियों ने कहा कि सरकार अविलंव पहल कर मजदूरों की माग को मानें ताकि मजदूरो को भूखे मरने से बचाया जा सके. मौके पर रामभजु दास ब्रह्मदेव दास, महेश दास, संतोष दास, मिथिलेश दास, राजेन्द्र यादव, श्याम जी ड्राइवर वीरेन्द्र दास समेत सभी सफाई कर्मी मौजूद रहे.

दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन
वहीं, बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नवादा के प्रभारी भोलाराम ने बताया कि स्कीम वर्कर आशा रसोईयां आंगनवाड़ी को 21 हजार रूपये मानदेय दिया जाए. मांग को लेकर 7 और 8 अगस्त को राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. धरने में शामिल सभी आशा रसोईयां, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नवादा ऐक्टू की तरफ से धन्यवाद देते हुए सरकार से तत्काल मांग पूरा करने की अपील की.

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