नवादा: लॉकडाउन के दौरान ही विवाह के शुभ मुहूर्त आने के कारण कई शादियां भले ही टल गई हों लेकिन कई लोग परिणय सूत्र में बंधने से भी नहीं चूक रहे हैं. ऐसा ही एक विवाह नवादा में संपन्न हुआ जहां ना बाराती आए और ना ही बैंड बाजा बजा. वधू मेंहदी लगे हाथ में सैनिटाइजर लगाई और दूल्हा-दुल्हन मास्क लगाए रस्म आदाएगी के बाद सात जन्मों के लिए एक-दूजे के लिए हो गए.
नवादा जिले के हिसुआ के बाजार काली स्थान की रहने वाली श्वेता कुमारी की शादी शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना के झंडा चौक के हनुमान गली निवासी गौरव कुमार से तय हुई थी. शादी की तिथि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू प्रथम चरण के लॉकडाउन की अंतिम तिथि यानी 14 अप्रैल के बाद 15 अप्रैल को रखी गई, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से दोनों पक्ष परेशानी में आ गए.
ऐसे मिली इजाजत
इस दौरान दोनों परिवारों ने लॉकडाउन का पालन करने और विवाह भी संपन्न कराने को राजी हुए. वर पक्ष ने इसके लिए शेखपुरा जिला प्रशासन को आवेदन देकर पास जारी करने का अनुरोध किया. इसके बाद अनुमंडल कार्यालय से गौरव को पास मिल गया. पास में वाहन और स्वयं तथा सहयोगी को सैनिटाइज करने तथा आने-जाने के दौरान कहीं नहीं रूकने की शर्त भी लगाई गई.
सोशल डिस्टेसिंग का रखा गया पूरा ध्यान
कार से दूल्हे को लेकर दो लोगों के साथ बारात शेखपुरा से नवादा आई जहां पहले से तैयार बैठी दुल्हन के घर पर पांच लोगों एवं एक पंडित की मौजूदगी में मास्क लगाकर शादी की रस्में हुईं. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को सैनिटाइजर से संक्रमण मुक्त करते रहे. शादी के उपरांत वधू की विदाई भी हो गई. दूल्हा बने गौरव ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि जान भी रहे और जहान भी. हमलोगों को हर परिस्थिति में कर्म को करना है.'
इस लॉकडाउन के दौरान सभी नियमों का पालन करते हुए अब इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है. बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यही कारण है, सरकार और प्रशासन लॉकडाउन का पालन में कोई भी कोताही बरतना नहीं चाह रही है. बिहार में अब तक कोरोना वायरस वायरस संक्रमितों की संख्या 72 तक पहुंच गई है.