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नालंदाः तालाब खुदाई में मनरेगा मजदूरों को नहीं दिया गया रोजगार, JCB से निकाली गई मिट्टी

हरनौत प्रखंड अंतर्गत बस्ती पंचायत के गरभूचक गांव में मनरेगा के तरह तालाब खुदाई होनी थी. लेकिन मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने के बजाय जेसीबी की मदद से मिट्टी निकाली गई. मामले की शिकायत होने पर अब जांच कराई जा रही है.

नालंदा
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Published : Jun 4, 2020, 1:31 PM IST

नालंदाःसरकार मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार देने का दावा कर रही है. लेकिन आए दिन योजनाओं में जेसीबी से काम लेने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. ताजा मामला में तालाब खुदाई में मनरेगा मजदूरों को काम लेने के बयाज जेसीबी से खुदाई कराई गई. लोगों ने अधिकारियों से इसकी शिकायत की. अब मामले की जांच कराई जा रही है.

हरनौत प्रखंड का मामला
मामला हरनौत प्रखंड अंतर्गत बस्ती पंचायत के गरभूचक गांव का है. जहां ब्रह्मदेव बिंद की पत्नी शांति देवी के नाम पर मनरेगा से निजी तालाब खुदवाने का काम लिया गया था. तालाब निर्माण का प्राक्कलन भी बना लिया गया. मनरेगा कार्यालय से 63 लाख के लागत से तालाब बनवाने की अनुमति दी गई. लेकिन मंगलवार रात जेसीबी से तालाब की खुदाई कराई गई. जिसकी शिकायत मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी, बीडीओ और जिला स्तरीय अधिकारियों से की गई.

देखें रिपोर्ट.

मामले की हो रही है जांच
शिकायत मिलने के बाद कार्यक्रम अधिकारी शिवनारायण लाल स्थल निरीक्षण करने पहुंचे. स्थल निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि तालाब की खुदाई में जेसीबी से काम लिया गया है या मजदूरों से उन्हें पता नहीं चल पा रहा है. जांच के लिए जिला से अधिकारी भेजे गए है. जांच रिपोर्ट आने के बाद वरीय अधिकारियों का जो निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा.

जेसीबी से कराई की है खुदाई- प्रखंड प्रमुख
वहीं, इस मामले में प्रखंड प्रमुख रेखा देवी ने बताया कि जेसीबी से तालाब निर्माण कराने का मामला स्पष्ट है. जेसीबी का निशान मिटाने के लिए एक दर्जन मजदूरों को लगाया गया है, ताकि सच्चाई पर पर्दा डाला जा सके. जेसीबी का निशान मिटा रहे मजदूरों का जॉब कार्ड भी नहीं बनाया गया था. बगैर जॉब कार्डधारी मजदूर को इतना भी पता नहीं था कि काम करने के बदले हर दिन कितनी मजदूरी मिलेगी.

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