नालंदा: बाजारों में दिवाली की धूम है. ऐसे में कुम्हारों को उम्मीद है कि इस साल लोग मिट्टी के बने दीये की खूब खरीदारी करेंगे. गौरतलब है कि चाइनीज सामानों के बाजारों में पांव पसारने से कुम्हार अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं. पिछले कई वर्षों के आंकड़ें देखें जाए तो मिट्टी के दीयों के खरीदारों की संख्या में भारी कमी आई है. वहीं चाइनीज लाइटों की संख्या में तेजी देखने को मिली है. दिवाली में दीये का रोजगार इतना मंदा हो गया है कि मुनाफा तो छोड़िए लागत तक की वापसी नहीं हो पाती है.
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कुम्हारों को अच्छी बिक्री की उम्मीद:नालंदा के कुम्हारों को उम्मीद है कि इस साल उनलोगों के मिट्टी के दीये की अच्छी बिक्री होगी. कुम्हारों ने उम्मीद जताया है कि लोग इस साल चाइनीज दीयों को छोड़कर मिट्टी के दीयों से दिवाली मनाएंगें. गौरतलब है कि दिवाली के समय मिट्टी के दीये और बर्तन की मांग बढ़ जाती है. जिससे कुम्हारों को अच्छी खासी आमदनी होती है. वहीं पिछले कुछ वर्षों से चाइनिज सामानों की बिक्री में तेजी की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.