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राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है CAA का विरोध- रविशंकर प्रसाद - what is npr

देश भर में सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये सब राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है. असल में लोग इस कानून को समझ नहीं रहे हैं.

ravishankar-prasad
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Published : Feb 17, 2020, 7:46 PM IST

नालंदा: केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए अहम फैसलों पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये सरकार धारा 370, राम जन्मभूमि और सीएए जैसी समस्याओं का निदान संवैधानिक तरीके से कर रही है. उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है. सीएए कानून किसी हिंदुस्तानी पर लागू नहीं होता है, जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं.

इन लोगों के लिए है सीएए
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले उन हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों पर लागू होता है, जो इन तीनों देशों में प्रताड़ित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक देश है, जबकि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

इससे पहले भी सीएए हो चुका है लागू
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि यह पहली बार नहीं है, जब सीएए लागू किया जा रहा है. इसके पूर्व भी इंदिरा गांधी ने युगांडा में गुजराती हिंदू को प्रताड़ित किए जाने के बाद उन्हें भारत की नागरिकता दी थी. श्रीलंका में तमिल को प्रताड़ित करने के बाद राजीव गांधी की सरकार में उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान किया गया था.

2010 में यूपीए सरकार ने लाया था एनपीआर
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनपीआर को मार्च 2010 में यूपीए सरकार ने लाया था. प्रत्येक 10 साल पर जनगणना होती है, जिसे एनडीए सरकार दोबारा करने जा रही है. एनपीआर के माध्यम से सरकार को नीति निर्धारण में मदद मिलती है. एनपीआर के माध्यम से सरकार को नियम बनाने में सुविधा मिलती है. एनपीआर के लिए किसी कागजात को दिखाने की कोई जरूरत नहीं है.

एनआरसी पर नहीं हुआ कोई फैसला
वहीं, एनआरसी के सवाल पर कानून मंत्री ने कहा कि एनआरसी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसे स्पष्ट किया है, इसकी कई प्रक्रियाएं हैं. उन्होंने कहा कि देश भर में चल रहे आंदोलन राजनीति से प्रेरित हैं. शाहीन बाग में चल रहे धरना पर उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन शाहीन बाग में जाकर नहीं. शाहीन बाग के हालात से लोग भली-भांति अवगत हैं.

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