नालंदा (राजगीर): राजगीर में बुद्ध पथ पर बन रहा नेचर सफारी तेजी से तैयार किया जा रहा है. भगवान बुद्ध इसी बुद्ध पथ से गया से राजगीर आये थे. यह प्रकृति की छटाओं के बीच बसा है. लगभग 500 एकड़ वन क्षेत्र में फैला इस सफारी का मुख्य द्वारा काफी आकर्षक बनाया गया है.
9 किलोमीटर एरिया में बना है ग्लास ब्रिज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट राजगीर में अब दिखने लगा है. नौ किलोमीटर के एरिया में बन रहे नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज यानि शीशे का पुल बनाया गया है. जो लगभग पूरा हो गया है. इसमें चढ़ने वालों को अपना दिल थाम कर जाना होगा. यह स्काई बाग में होगा. इसके नीचे गहरी खायी दिखायी देगी. जो पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं होगा. बता दें कि चीन के हांगझोऊ इलाके में बने 120 मीटर ऊंचे शीशे के पुल की तरह ही राजगीर नेचर सफारी में इस पुल को बनाया गया है.
घाटी से इसकी उॅचाई 250 फीट है ग्लास स्काई वाॅक ब्रिज की खासियत
- यह पूरी तरह से शीशा और स्टील के फ्रेम से निर्मित है.
- इस स्काई वाॅक की कुल लम्बाई 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है.
- घाटी से इसकी उॅचाई 250 फीट है. इसपर एक साथ 40 लोग चढ़ सकेंगे.
- वहीं डी सेक्टर अर्थात अंतिम छोर पर एक साथ 10 से 12 लोग चढ़ सकेंगे.
- यह राजगीर के अति प्राचीन वैभार गिरी पर्वत के तलहटी में बनाया गया है.
- इस स्काई ब्रिज में 15 एमएम का तीन लेयर का शीशा लगाया गया है, इसमें लगे शीशे की कुल मोटाई 45 एमएम होगी जो पूरी तरह से पारदर्शी होगा जो काफी रोमांचक भी होगा.
यह पूरी तरह से शीशा और स्टील के फ्रेम से निर्मित है
बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई वाॅक होगा राजगीर
- चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बना स्काई वाॅक के तर्ज पर बनाया जा रहा राजगीर का यह स्काई वाॅक.
- यह बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई ब्रिज होगा.
- देश का पहला ग्लास स्काई ब्रीज सिक्किम के पेलिंग में अवस्थित है.
- जिप लाईन पर झूलकर पर्यटक हवा में सैर का आनंद ले सकेंगे.
नेचर सफारी मार्च तक होगा पूरा
500 हेक्टेयर में बन रहा कैफेटेरिया
वहीं 500 हेक्टेयर में कैफेटेरिया भी बनाया जा रहा है. इसके गेट को एक नया लुक दिया गया है. सफारी में हवा में रोप के सहारे साइक्लिंग का भी लोग लुफ्त उठायेंगे. इसमें पर्यटकों को लुभाने के लिए तितली पार्क, राउंडेन गार्डेन, मेड्रेशनल गार्डेन, शूटिंग लैब भी होगा.
मिट्टी और ट्री काॅटेज भी होंगे आकर्षक केंद्र
नेचर सफारी में पुराने परंपरा के अनुसार नये तरीके से मिट्टी, बांस और लकड़ी का कॉटेज बनाया जा रहा है. यह बाहरी पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह से सक्षम होगा. पहले जहां विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटक खासकर बंगाली पर्यटक यहां एक से दो दिन ही ठहर पाते थे. वे अब इन सभी योजनाओं के पूरा होने पर लम्बे समय के लिए राजगीर में ठहरेंगे और विदेशी पर्यटकों का भी ठहराव राजगीर में हो पायेगा. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.
नेचर सफारी लगभग बनकर तैयार नेचर सफारी मार्च तक होगा पूरा
यह नेचर सफारी मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा. इसका पहला द्वार नाकापर जेठियन के पास होगा. यह जेठियन की ओर से तीन किलोमीटर दूर पड़ेगा. एडवेंचर के तहत यहां लोग पतले रस्सी पर साईकलिंग करने, तीरंदाजी, निशानेबाजी, पहाड़ पर चढ़ायी के लिए ट्रेकिंग का भी मजा ले सकेंगे. इसके अलावे यहां औषधीय पार्क, सकलैंड गार्डन, इलेक्ट्रिक पार्किंग, बिहार दर्शन, नेचर बाथ, ओपन थियेटर , बम्बू हट, उडेन काॅटेज, कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है. पर्यटक जल्द से जल्द इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं.